Jammu Kashmir Assembly Election Results 2024: जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 में इस बार करीब 30 पूर्व आतंकी, अलगाववादी और जमीयत इस्लामी के कार्यकर्ता चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे थे. ये सभी कश्मीर घाटी की सीटों पर खड़े थे, लेकिन जनता ने इन सभी को नकार दिया और इन्हें हार का सामना करना पड़ा.


हारने वालों में इंजीनियर रशीद की अगुआई वाली अवामी इत्तेहाद पार्टी और जमात-ए-इस्लामी के उम्मीदवार भी शामिल हैं, जो चुनावों में कोई खास प्रभाव डालने में विफल रहे. यही नहीं ये सभी 30 उम्मीदवार अपनी जमानत तक नहीं बचा पाए.


अफजल गुरु के भाई की जमानत जब्त


इस चुनाव में अफजल गुरु के भाई ऐजाज अहमद गुरु भी अपनी किस्मत आजमा रहे थे. वह सोपोर विधानसभा सीट से मैदान में थे, लेकिन उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा. उन्हें केवल 129 वोट मिले. अहमद गुरु को मिले वोटों की संख्या नोटा (NOTA) के लिए डाले गए 341 वोटों से भी कम रही.


इंजीनियर राशिद के सभी 44 उम्मीदवार हारे


लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने वाले इंजीनियर रशीद की अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) ने विधानसभा चुनाव में 44 उम्मीदवार उतारे थे. हालांकि, उनके प्रवक्ता फिरदौस बाबा सहित प्रमुख हस्तियां भी जीत हासिल करने में असफल रहीं. इन 44 उम्मीदवारों में से कई की जमानत जब्त हो गई है. इंजीनियर राशिद के करीबी सहयोगी और प्रमुख व्यवसायी शेख आशिक हुसैन को केवल 963 वोट मिले, जो नोटा विकल्प से कम है. नोटा को 1,713 वोट मिले. राशिद के भाई खुर्शीद अहमद शेख लंगेट सीट से जीते हैं. उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था.


जमात-ए-इस्लामी के प्रत्याशी भी नहीं बचा पाए जमानत


जमात-ए-इस्लामी ने अपने चार उम्मीदवार उतारे थे और चार अन्य का समर्थन किया था, लेकिन रेशी के अलावा, सभी अपनी जमानत राशि गंवा बैठे. जेकेएलएफ का पूर्व कमांडर मोहम्मद फारूक खान, जिसे सैफुल्लाह के नाम से भी जाना जाता है, हब्बाकदल निर्वाचन क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और एनसी के शमीम फिरदौस से हार गया. खान 1989 में हथियार प्रशिक्षण के लिए पीओके में जाने वाले पहले आतंकवादियों में से एक था. हालांकि उसे अपने इस फैसले पर पछतावा है.


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