जम्मू-कश्मीर बैंक के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो की बड़ी कार्रवाई, अवैध नियुक्तियों के मामले में दर्ज हुई चार्जशीट
जांच के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो ने आरोप स्थापित किये, जिनके आधार पर बैंक के 2 पूर्व चेयरमैन और अन्य अफसरों को दोषी बनाया गया. इस मामले की अगली सुनवाई 27 जनवरी 2020 को होगी.
जम्मू: जम्मू-कश्मीर एंटी करप्शन ब्यूरो ने जम्मू-कश्मीर बैंक के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए बैंक में हुई अवैध नियुक्तियों के मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है. इस चार्जशीट में बैंक के दो पूर्व चेयरमैनों समेत 17 बैंक अधिकारियों को दोषी बनाया गया है. सूत्रों के मुताबिक जम्मू-कश्मीर एंटी करप्शन ब्यूरो को लगातार यह जानकारियां मिल रही थी कि जम्मू-कश्मीर बैंक में अवैध नियुक्तियों का एक अभूतपूर्व दौर चल पड़ा है. बैंक में 3,000 से अधिक ऐसी नियुक्तियां की गई हैं, जो बैंक में नियुक्तियों को नियंत्रित करने के नियमों और मानदंडों के बिलकुल विपरीत थी.
इन जानकारियों के आधार पर एंटी करप्शन ब्यूरो, श्रीनगर ने एक एफआईआर दर्ज की और इस मामले की जांच शुरु कर दी. मामला दर्ज होते ही एंटी करप्शन ब्यूरो ने श्रीनगर के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट से ज़रूरी वारंट का आदेश लेकर जम्मू-कश्मीर बैंक के श्रीनगर स्थित कॉर्पोरेट हेड क्वार्टर में दस्तावेज़ों की जांच शुरू की, जिसमें कुछ ऐसे दस्तावेज़ मिले जिनमें आरोपी बैंक अधिकारियों द्वारा छेड़छाड़ की गई थी.
बैंक के कॉर्पोरेट हेडक्वार्टर में तलाशी के दौरान अवैध नियुक्तियों के दस्तावेज़ मिले जिन्हें बैंक के ह्यूमन रिसोर्स सेक्शन, रिक्रूटमेंट सेक्शन और बैंक के चेयरमैन के दफ्तर से बरामद किया गया. इन दस्तावेज़ों की जांच के बाद जो तथ्य सामने आये उनमें सबसे चौंकाने वाला था कि साल 2011 के बाद से बैंक के चेयरमैनों ने करीब 2500 से अधिक अवैध नियुक्तियां की. जिसके बाद एंटी करप्शन ब्यूरो ने इस सारे घोटाले में जांच शुरू की.
जांच के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो ने आरोप स्थापित किये, जिनके आधार पर बैंक के 2 पूर्व चेयरमैन और अन्य अफसरों को दोषी बनाया गया. इन अफसरों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति के लिए मामला सरकार के पास भेजा गया जिसकी स्वीकृति मिल गई है. जिन अफसरों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मिली उनमें से 12 अधिकारी बैंक में अभी भी कार्यरत हैं जबकि 5 अधिकारी बैंक से रिटायर हो चुके हैं. इस मामले की अगली सुनवाई 27 जनवरी 2020 को होगी.
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