Jammu-Kashmir: उधमपुर बस धमाके में कई खुलासे, पुलिस ने बताया किस रूट से आतंकियों ने लाए स्टिकी बम
Jammu-kashmir: जम्मू के एडीजी ने कहा कि पिछले 6 महीने से मालूम था कि आतंकी संगठन ने पुराने कांटेक्ट रिवाइज करके इनका इस्तेमाल कर रहे थे.
Jammu-Kashmir: उधमपुर में 28 सितंबर की रात और 29 सितंबर की सुबह 2 अलग-अलग स्थानों पर बसों के अंदर धमाकों की गुत्थी को पुलिस ने करीब-करीब सुलझा लिया है. पुलिस ने उधमपुर जिले के बसंतगढ़ इलाके से 3 आतंकियों को हिरासत में लिया. आतंकियों से पूछताछ में कई बड़े खुलासे हुए हैं. पुलिस ने बताया कि डोडा में सक्रिय आतंकी ने बसंतगढ़ में मॉड्यूल तैयार किया था, जिसे पाकिस्तान से हीरानगर के रास्ते बसंतगढ़ तक स्टिकी बम पहुंचाए गए थे. साजिश के तहत रामनगर में टाइमर सेट कर स्टिकी बम बसों पर रखे गए और उसके बाद धमाके हुए थे.
पुलिस ने क्या कहा
जम्मू के एडीजी ने कहा कि पिछले 6 महीने से हमें ये मालूम था कि आतंकी संगठन पुराने कांटेक्ट रिवाइज करने की कोशिश कर रहे थे. इसी सिलसिले में मोहम्मद अमीन भट्ट नाम के आतंकी ने असलम शेख नाम के आतंकी को सोशल मीडिया पर संपर्क किया. पाकिस्तान में बैठे अमीन भट्ट ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में किसी मंत्री का विजिट है, उससे पहले तुम्हें यह ब्लास्ट करने हैं. उन्होंने कहा कि अमीन भट्ट ने मोहम्मद असलम शेख को इनको सक्रिय करने के लिए टाइमर की ट्रेनिंग भी दी थी. इसके बाद असलम शेख ने एक गाड़ी में 7 घंटे और दूसरी गाड़ी में 14 घंटे का टाइमर लगाया था.
पीएम के दौरे से पहले करना था हमला
पुलिस ने कहा कि यहां पहले से आतंकी गतिविधियां चल रही थीं. इसलिए उधमपुर पुलिस ने उसने पूछताछ की जिसमें उसने जुर्म कबूल किया. इसके साथ ही जाकिर नाम के एक आतंकी को कठुआ से गिरफ्तार किया गया है. एक जैश का मॉड्यूल और दूसरा लश्कर का है. डीजीपी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से पहले भी पाकिस्तान के कहने पर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का मॉड्यूल प्रदेश में सक्रिय था. उन्होंने कहा कि मोहम्मद अमीन भट्ट और असलम शेख को गृह मंत्री अमित शाह के दौरे से पहले हमला करने के निर्देश दिए थे. असलम शेख के पास से पुलिस को पांच आईडी मिली हैं.
ड्रोन के खतरे से निपटने के लिए तकनीक का सहारा
जम्मू-कश्मीर के डीजीपी ने आगे कहा कि ड्रोन के खतरे से निपटने के लिए हम तकनीक का सहारा ले रहे हैं. अभी तक पंजाब में सक्रिय खालिस्तान के आतंकियों और जम्मू कश्मीर के आतंकियों के बीच कोई कनेक्शन सामने नहीं आया है. खुफिया एजेंसियां लगातार इशारा कर रही हैं कि पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठनों का कनेक्शन जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकियों से है.
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