Ghulam Nabi Azad: गुलाम नबी आजाद पर अब BJP क्यों हो गई हमलावर, जानें- ऐसा क्या हो गया?
BJP Slams Ghulam Nabi Azad: बीजेपी की जम्मू कश्मीर यूनिट ने कहा कि गुलाम नबी आजाद ने घाटी से अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों के पलायन के लिए जो कारण बताए हैं, वे ‘‘असली दोषियों की मदद करना’’ है.
BJP Jammu Kashmir Unit Slams Ghulam Nabi Azad: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की जम्मू कश्मीर इकाई ने डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद पर उनकी आत्मकथा ‘‘आजाद’’ को लेकर शुक्रवार (7 अप्रैल) को निशाना साधा है.
उन पर इस किताब के जरिए कश्मीरी पंडितों की भावनाएं कथित तौर पर आहत करने का आरोप लगाया गया है. राज्य की बीजेपी यूनिट ने कहा कहा कि आजाद ने घाटी से अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों के पलायन की जो वजहें बताई हैं, वे ‘‘असली दोषियों की मदद करना’’ है.
'आजाद को भी समान रूप से जिम्मेदार ठहराते हैं'
बीजेपी प्रवक्ता और पूर्व विधायक गिरधारी लाल रैना ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘हम आत्मकथा में कश्मीरी पंडित समुदाय की भावनाओं को आहत करने के लिए आजाद की निंदा करते हैं जैसा कि मीडिया में बताया जा रहा है. हम 1989-90 में कश्मीर घाटी से धार्मिक रूप से अल्पसंख्यक कश्मीरी हिंदुओं के जबरन विस्थापन के लिए आजाद को भी समान रूप से जिम्मेदार ठहराते हैं.’’
आजाद को जम्मू कश्मीर में ‘‘मौत और तबाही के लिए जिम्मेदार’’ लोगों में से एक बताते हुए रैना ने कहा कि कश्मीर में आतंकवादियों की घुसपैठ और अल्पसंख्यक समुदाय पर एकतरफा हमलों पर उनकी सोची-समझी चुप्पी से सभी ‘‘अच्छी तरह परिचित’’ हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘आजाद हमेशा कांग्रेस पार्टी और उसकी सरकार के निर्णय लेने वाले अहम पदों पर रहे. वह किसी भी तरीके से जम्मू कश्मीर में हुई घटनाओं के लिए जिम्मेदार होने से बच नहीं सकते.’’
उन्होंने कहा कि हिंदू समुदाय के विस्थापन के लिए जिम्मेदार घटनाओं का आजाद का वर्णन ‘‘संकीर्ण चुनावी लाभ पाने के लिए दूसरों पर दोष मढ़ने की चाल’’ है.
'आजाद भी धर्मनिरपेक्षता की आड़ में साम्प्रदायिक नेता हैं.’
रैना ने कहा, ‘‘आजाद तब भी थे जब राजीव गांधी-फारूक समझौता हुआ था और जब जम्मू कश्मीर में फारूक अब्दुल्ला सरकार ने 1989 में 70 आतंकवादियों को रिहा किया था. वह 1989 के लोकसभा चुनाव के दौरान आतंकवाद के माहौल और अल्पसंख्यक समुदाय के घरों पर पथराव को कैसे नजरअंदाज कर पाए?’’
बीजेपी नेता ने कहा, ‘‘आजाद ने पलायन के लिए जिम्मेदार जो कारण बताए हैं वे असली दोषियों की मदद करना है और अगर उन्हें लगता है कि सच्चाई को कमजोर करने से उन्हें एक खास वर्ग के मतदाताओं का प्यार मिलेगा तो वह बिल्कुल गलत हैं. आजाद को याद दिला दें कि कैसे उन्हें मुख्यमंत्री के तौर पर नकार दिया गया था.’’
पन्नुन कश्मीर के अध्यक्ष अजय चरूंगू ने भी कश्मीरी पंडितों के पलायन पर टिप्पणियों के लिए आजाद पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘‘आजाद भी धर्मनिरपेक्षता की आड़ में सांप्रदायिक नेता हैं.’’
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