श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववाद के प्रति रुझान का एक और उदाहरण सामने आया है. घाटी के रहने वाले एक आईपीएस अधिकारी का भाई कथित तौर पर आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन में शामिल हो गया. हिज्बुल ने अपने कमांडर बुरहान वानी की मौत की दूसरी बरसी पर फोटो जारी कर दावा किया कि आईपीएस अधिकारी के भाई शमसुल हक मेंगनू उसके साथ लड़ाई लड़ रहा है. फोटो में हक के हाथों में एके-47 राइफल है. आतंकी संगठन ने हक को बुरहान सनी नाम दिया है.


आतंकी संगठन के दावों के मुताबिक, 22 मई को शमसुल हक हिज्बुल में शामिल हो गये. हक दक्षिण कश्मीर के शोपियां के रहने वाला है और वह मई में गायब होने से पहले श्रीनगर के बाहरी क्षेत्र में स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेज से यूनानी मेडिसीन में पढ़ाई कर रहा था.


हक के भाई इनामुल हक 2012 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. फिलहाल वह गुवाहाटी में असम पुलिस के कमांडो बटालियन के कमांडेंट पद पर तैनात हैं. पुलिस ने हक के आतंकी संगठन में शामिल होने की पुष्टी नहीं की है. एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ''हम वायरल हो रहे फोटो की सत्यता की जांच कर रहे हैं.''


शमसुल से पहले भी पढ़े-लिखे युवकों ने आतंक का दामन थामा है. इसी साल जनवरी में 26 वर्षीय मनन बशीर वानी हिज्बुल मुजाहिद्दीन में शामिल हो गया था. वानी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रहा था. इसी साल मार्च में अलगाववादी नेता का बेटा जुनैद अहमद खां ने आतंकी संगठन में शामिल हो गया था. खां ने कश्मीर यूनिवर्सिटी से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर डिग्री हासिल की थी.


कुपवाड़ा में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में एक आतंकवादी मारा गया: पुलिस