कोरोना वायरस के खतरे के बीच केंद्रीय मंत्रालय एक दूसरे के आदेशों की कर रहे हैं अनदेखी
कोरोना वायरस के खतरे के बीच केंद्रीय मंत्रालय एक दूसरे के आदेशों की अनदेखी कर रहे हैं. जानिए कैसे.
नई दिल्ली: युवा एवं खेल मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर के गांदरबल में राष्ट्रीय एकता शिविर का आयोजन किया. इस आयोजन में स्वास्थ्य मंत्रालय के जारी निर्देशों की अनदेखी करते हुए बड़ी संख्या में छात्रो को एकत्र किया गया. स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी प्रदेश सरकारों, विभागों और मंत्रालय को कोरोना के खतरे के चलते सार्वजनिक आयोजनों को रद्द करने या टालने के निर्देश जारी किया है.
हालांकि श्रीनगर से 22 किलोमीटर दूर गंदेरबल जिल्ले में एक भारत श्रेष्ठ भारत अभियान के तेहत इस नेशनल इंटीग्रेशन कैंप का आयोजन किया गया. तीन दिन के इस कैंप में देश भर के दस राज्यों से आये 250 युवा शामिल हुए जिन्होंने यहां पर अपने अपने राज्य की संस्कृति - गीत, संगीत और नृत्यु के रंगारंग कार्यक्रम किए.
केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजीजू इस मौके पर मुख अतिथि थे. उन्होंने कैंप में आने वाले युवाओ को बधाई देते हुए इस बात का आश्वासन दिया कि आने वाले दिनों में केंद्र और प्रदेश सरकार मिल कर कश्मीर के युवाओ के लिए एक बड़ा कार्यक्रम लेकर आएंगे.
हालांकि उन्होंने कोरोना के खतरे के बीच इतनी बड़ी संख्या में लोगो को एकत्र करके खतरे में डालने के सवाल को अनदेखा किया.
इस कैंप में शामिल होने वाले युवा, कोरोना के खतरे से बेखबर इस बात से खुश थे कि उनको को बर्फीले ठंडे मौसम में कश्मीर घाटी में घूमने का मौका मिला. राजस्थान से आए अर्जुन केंद्र सरकार को जहां धारा 370 के हटाने पर धन्यवाद दे रहे हैं वहीं बताते हैं कि परिवार के डर के चलते पहले वह कश्मीर आने में काफी संकोच महसूस कर ररहे थे. लेकिन कश्मीर आने पर उनका सारा डर खत्म हो गया है.
जम्मू-कश्मीर के ग्रुप कि सदस्य शबनम के अनुसार उनके लिए इस कार्यक्रम में हिस्सा लेना दोहरी चुनौती था. एक तरफ हालात के चलते और दूसरी तरफ मौसम और गरम कपड़ो के बिना पारंपरिक पोशाको में कार्यक्रम में आना मुश्किल रहा.
कैंप में आए बच्चो को जहां कल डल झील के साथ साथ कई और ईलाको में घूमने का मौका दिया गया तो वहीं इन की सुरक्षा के लिए Z-प्लस केटेगरी की सुरक्षा भी दी गयी थी. इस बात से कुछ कैंप में आने वाले युवा नाखुश भी थे.
भोपाल से आए हर्षा हस्वानी के अनुसार इन प्रबंधों से लोगो के बीच दूरी बन गयी जिस से उनको नीजि तौर पर काफी बुरा लगा. हर्ष के अनुसार कश्मीर भले ही उनके लिए एक दूर प्रदेश है लेकिन यहां आकर उनको घर जैसा माहोल मिला और घर जैसा महसूस हुआ. इन बच्चो को अब गुलमर्ग में होने वाले खेलो इंडिया विंटर गेम्स में भी ले जाया जाएगा जहां पहले से ही ८५० खिलाड़ी प्रतियोगिता में शामिल होने पहुंचे हैं.