श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि आतंकवादी संगठन अंसार गजवात-उल हिंद (एजीएच) के सरगना हमीद लोन और दो अन्य आतंकवादियों के घाटी में मारे जाने के बाद अलकायदा के इस सहयोगी संगठन का कश्मीर से सफाया हो गया है.


कश्मीर में एजीएच के संस्थापक जाकिर मूसा के बाद लोन उर्फ हामिद लल्हारी ने कमान संभाली थी. मूसा अलकायदा का वफादार बन गया था लेकिन इस साल मई में हुई एक मुठभेड़ में वह मारा गया था.


स्थानीय पुलिस से गुप्त सूचना मिलने के बाद दक्षिण कश्मीर में पुलवामा जिले के त्राल इलाके में तीनों आतंकवादियों के मारे जाने के एक दिन बाद राज्य के डीजीपी दिलबाग सिंह ने प्रेस के साथ बातचीत की. इस मुठभेड़ में लोन के अलावा नवीद अहमद टाक और जुनैद राशिद भट भी मारे गए थे.


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सिंह ने कहा कि पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार मारे गए सभी आतंकवादी जाकिर मूसा के संगठन का हिस्सा थे और सुरक्षा प्रतिष्ठानों पर हमले तथा आम नागरिकों पर अत्याचार के कई मामलों समेत आतंकवाद से जुड़ी अपराध की अनेक घटनाओं में संलिप्तता को लेकर वांछित थे.



उन्होंने कहा कि आतंकवाद रोधी अभियान ने एजीएच को करारा झटका दिया है. ये आतंकी समूह पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के साथ भी मिलकर काम कर रहा था.


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उन्होंने कहा,"एजीएच का सफाया हो गया है, लेकिन कुछ तत्व हैं जो अब भी यहां सक्रिय हैं. वे अचानक सामने आते हैं और आतंकवादियों के साथ जा मिलते हैं... लेकिन फिलहाल कश्मीर से एजीएच का सफाया हो गया है."


डीजीपी ने कहा,"जेईएम कश्मीर में प्रत्येक आतंकवादी संगठन के साथ मिलकर काम करने की कोशिश कर रहा है. जेईएम और लश्कर-ए-तैयबा को पाकिस्तान से निर्देश मिलते हैं कि कौन उनका निशाना है, किस स्तर पर और किस किस्म की हिंसा उन्हें भड़कानी है."


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पुलिस प्रमुख ने कहा कि जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा हटाए जाने और इसे दो केंद्रशासित क्षेत्रों में विभाजित करने के केंद्र के पांच अगस्त के फैसले के बाद से काफी संख्या में आतंकवादियों ने घुसपैठ की है. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा,"पांच अगस्त के बाद आए आतंकवादियों की संख्या बता पाना मुश्किल है. लेकिन मैं इतना जरूर कह सकता हूं कि इनकी संख्या काफी है."