जम्मूः पहले कोरोना वायरस की मार और अब अमरनाथ यात्रा पर बनी संशय की स्थिति ने जम्मू में ड्राई फ्रूट व्यापारियों की कमर तोड़ कर रख दी है. ड्राई फ्रूट व्यापारियों का दावा है कि इस साल रद्द चल रही वैष्णो देवी की यात्रा और अमरनाथ यात्रा पर बने संशय के चलते उन्हें 125 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा है.


मार्च के बाद से ही बंद पड़ा है व्यापार


जून और जुलाई के महीनो में देश भर के स्कूलों में छुट्टियों के चलते जम्मू में धार्मिक पर्यटकों की भरमार रहती थी. वैष्णो देवी के साथ-साथ बाबा अमरनाथ की यात्रा के चलते रोज़ाना हज़ारो भक्त जम्मू पहुंचते थे, जिसका सीधा असर जम्मू में व्यापारियों पर पड़ता था, लेकिन इस साल पहले कोरोना वायरस की मार, मार्च महीने से रद्द पड़ी वैष्णो देवी यात्रा और अब अमरनाथ यात्रा पर चल रही संशय की स्थिति ने जम्मू में ड्राई फ्रूट व्यापारियों की कमर तोड़ कर रख दी है. ग्राहकों से गुलज़ार रहने वाले जम्मू की ड्राई फ्रूट की दुकानों में सन्नाटा पसरा है और अधिकतर दुकानदार अपनी दुकाने नहीं खोल रहे.


जम्मू पहुंचने वाले माता वैष्णो देवी और बाबा अमरनाथ के भक्तों की पहली पसंद जम्मू में मिलने वाले ड्राई फ्रूट्स होते है. इन ड्राई फ्रूट की दुकानों पर न केवल माता और बाबा भोलेनाथ का प्रसाद मिलता है, बल्कि जम्मू कश्मीर के अखरोट, बादाम, केसर, राजमाह और बासमती चावल यात्रियों की पहली पसंद है.


रोजाना करीब 2 करोड़ रुपये तक का कारोबार


जम्मू में ड्राई फ्रूट की करीब 80 दुकानें हैं, जबकि कटरा में यह आंकड़ा 400 से अधिक का है. इस मौसम में जहां जम्मू में ड्राई फ्रूट का रोज़ाना कारोबार करीब 40 से 50 लाख रुपये का होता है, वहीं कटरा में यह आंकड़ा करीब 1 से ढेड़ करोड़ रूपये का है. लेकिन, इस बार यात्रा पर संशय की स्थिति और कोरोना के चलते इस कारोबार से जुड़े व्यापारियों को कई सौ करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा है.


वहीं, इस व्यापार से जुड़े व्यापारियों की चिंता इस बात से भी है कि केंद्र सरकार की तरफ से मिल रहे इशारों से यह साफ़ है कि कोरोना महामारी से जंग अभी लम्बी चलनी है. ऐसे में इन कारोबारियों का दावा है कि मौजूदा साल उनके लिए अभी और नुकसान लेकर आया है.


ड्राई फ्रूट व्यापारी अब केंद्र सरकार से मांग कर रहे है कि उनके लिए किसी राहत पैकेज का एलान जाये ताकि इस व्यापार से जुड़े हज़ारो परिवारों को भुखमरी से बचाया जा सके.


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