Jammu Kashmir Election: अब 6 नहीं 5 साल की सरकार, सीटों की संख्या भी बढ़ी... जम्मू-कश्मीर में कितना अलग होगा इस बार का चुनाव? यहां जानिए
Jammu Kashmir Election News: जम्मू-कश्मीर अब केंद्रशासित प्रदेश बन चुका है. आर्टिकल 370 के हटने के साथ ही इसका पूर्ण राज्य का दर्ज भी खत्म कर दिया गया था.
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Jammu Kashmir Election: चुनाव आयोग शुक्रवार (16 अगस्त) को देश में होने वाले विधानसभा चुनाव कार्यक्रमों का ऐलान करने वाला है. दोपहर तीन बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया जाएगा कि किन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इस बात की पूरी संभावना है कि हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान हो जाएगा. इसकी वजह ये है कि हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल तीन नवंबर को खत्म हो रहा है.
वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया था कि जम्मू-कश्मीर में 30 सितंबर तक चुनाव करवाए जाएं. आर्टिकल 370 हटने के बाद से ही यहां पर चुनाव नहीं हुए हैं. चुनाव आयोग की भी जम्मू-कश्मीर में भी विधानसभा चुनाव 30 सितंबर से पहले कराने की योजना है. चुनाव आयोग ने चुनाव संबंधी तैयारियों का जायजा लेने के लिए हाल में जम्मू-कश्मीर का दौरा भी किया है. ऐसे में आइए जानते हैं कि इस बार जब जम्मू-कश्मीर में चुनाव होंगे तो क्या-क्या बदल जाएगा.
जम्मू-कश्मीर में 10 साल में क्या-क्या बदला है?
जम्मू-कश्मीर में आखिरी बार चुनाव 2014 में हुए थे. उसके बाद से राज्य में चुनाव ही नहीं हुए हैं. आर्टिकल 370 हटने के बाद से ही लोगों को चुनाव का इंतजार था. ऐसे में अब 10 साल बाद यहां चुनाव हो सकते हैं. इन 10 सालों में सबसे बड़ा बदलाव जम्मू-कश्मीर में ये हुआ है कि अब वह राज्य से एक केंद्रशासित प्रदेश बन चुका है. लद्दाख अब जम्मू-कश्मीर का हिस्सा भी नहीं है. केंद्र सरकार के शासन के तहत जम्मू-कश्मीर में चुनाव करवाए जाएंगे.
आर्टिकल 370 हटने के बाद यहां पर पहली बार चुनाव होने वाले हैं. केंद्रशासित प्रदेश में विधानसभा सीटों की संख्या भी बढ़कर 90 हो गई है. यहां गौर करने वाली बात ये है कि पहले सरकार का कार्यकाल 6 साल का होता था, लेकिन अब ये सिर्फ 5 साल का ही होगा. इसके अलावा पहली बार मुफ्ती मोहम्मद सईद की गैर-मौजूदगी में चुनाव हो सकते हैं. उधर कांग्रेस छोड़कर गुलाम नबी आजाद ने अपनी अलग पार्टी बनाई है, जो चुनावी मैदान में नजर आएगी.
विधानसभा सीटों का क्या है गणित?
जम्मू-कश्मीर विधानसभा वाला केंद्रशासित प्रदेश है. पूर्ण राज्य का दर्जा खत्म होने के बाद इसकी विधानसभा की तस्वीर भी बदल चुकी है. अब जम्मू-कश्मीर में 114 सीटें हैं, जिसमें से 24 पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में पड़ती हैं. इस तरह सिर्फ 90 सीटें ही हैं, जिस पर चुनाव होंगे. 90 में 43 सीटें कश्मीर डिविजन में, जबकि 47 जम्मू डिविजन में गई हैं. पहले 87 सीटों पर ही चुनाव होता था. अब 16 सीटें रिजर्व भी रखी गई हैं, जो पहले नहीं होती थीं. इसमें से 7 एससी और 9 एसटी को मिली हैं.
2014 चुनाव के नतीजे किसके पक्ष में आए थे?
जम्मू-कश्मीर में 2014 विधानसभा चुनाव के दौरान 87 सीटों पर वोटिंग हुईथी. इसमें से 28 सीटों पर पीडीपी को जीत मिली थी, जबकि बीजेपी के खाते में 25 सीटें गईं. नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 15 सीटें जीती थीं, कांग्रेस को 12 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि अन्य दलों को 7 सीटों पर फतह हासिल हुई थी.
अगर वोटिंग पर्सेंटेज की बात करें तो सबसे ज्यादा 23 फीसदी पीडीपी को वोट मिले थे. इसके बाद बीजेपी को भी 23 फीसदी वोट हासिल हुए थे. नेशनल कॉन्फ्रेंस को 21 फीसदी और कांग्रेस को 18 फीसदी वोट मिले थे.
2019 लोकसभा चुनाव का नतीजा कैसा रहा?
जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में पांच सीटों पर वोटिंग हुई. इसमें से दो-दो सीटों पर बीजेपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस को जीत मिली, जबकि एक सीट पर निर्दलीय ने जीत हासिल की. बीजेपी को 24 फीसदी, नेशनल कॉन्फ्रेंस को 22 फीसदी, कांग्रेस को 19 फीसदी और पीडीपी को 8 फीसदी वोट मिले.
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