Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर में नई वोटर लिस्ट को लेकर विवाद, EC की सर्वदलीय बैठक में बीजेपी और विपक्षी दलों के नेताओं में नोकझोंक
Jammu Kashmir Voter List: जम्मू-कश्मीर में बाहरी लोगों सहित लगभग 25 लाख मतदाताओं को वोटर लिस्ट में शामिल करने को लेकर विवाद जारी है. इस बीच चुनाव आयोग ने विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बैठक की
Jammu Kashmir Election: जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी हिरदेश कुमार की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और विपक्षी नेताओं के बीच मतदाता सूची में 'गैर-स्थानीय' लोगों को शामिल करने के मुद्दे पर तीखी बहस हुई.
कुछ नेताओं ने कहा कि वे बाहरी लोगों सहित 25 लाख मतदाताओं को मतदाता सूची में शामिल किए जाने के बारे में हिरदेश कुमार द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण से संतुष्ट हैं लेकिन आम आदमी पार्टी (AAP) ने बैठक का बहिष्कार किया. चुनाव आयोग (EC) के खिलाफ धरना दिया और आरोप लगाया कि यह भाजपा का 'मुखपत्र' बन गया है.
बैठक में कौन-कौन से दल शामिल थे?
सोमवार की यह मीटिंग इसलिए भी महत्वपूर्ण रही, क्योंकि यह विधानसभा चुनावों में 'बाहरी लोगों' को मतदान का अधिकार देने के मुद्दे के खिलाफ यहां गुपकर गठबंधन (PAGD) द्वारा बुलाई गई 'सर्वदलीय बैठक' से कुछ दिन पहले हुई है. बाहरी लोगों सहित लगभग 25 लाख मतदाताओं को वोटर लिस्ट में शामिल करने को लेकर तीखे विवाद को समाप्त करने के प्रयास के तहत हिरदेश कुमार ने विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ एक घंटे चली बैठक की अध्यक्षता की.
बैठक में शामिल दलों में नेशनल कॉन्फ्रेंस, भाजपा, कांग्रेस, पीडीपी, अपनी पार्टी, बसपा, नेशनल पैंथर्स पार्टी और माकपा आदि शामिल थे.
मीटिंग क्यों बुलाई गई?
अधिकारियों ने कहा कि बैठक विभिन्न दलों को मतदाता सूची में संशोधन के बारे में जानकारी देने के लिए एक नियमित कवायद थी. मतदाता सूची संबंधी अंतिम रिपोर्ट 25 नवंबर को सार्वजनिक की जाएगी. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव और पूर्व मंत्री योगेश साहनी ने रिपोर्टरों से कहा, 'हम गैर-स्थानीय लोगों सहित 25 लाख मतदाताओं को शामिल किए जाने पर अपनी मुख्य चिंता के संबंध में मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण से संतुष्ट हैं.'
पूर्व मंत्री योगेश साहनी ने कहा कि हिरदेश कुमार ने स्पष्ट किया कि आंकड़ों के संबंध में कुछ भ्रम था और आश्वासन दिया कि केवल पात्र स्थानीय मतदाता जो 18 वर्ष के हो चुके हैं, लेकिन पिछले चार वर्षों में उनके नाम मतदाता सूची में शामिल नहीं किए गए हैं, उन्हें कानून के अनुसार मतदाताओं के रूप में सूचीबद्ध किया जाएगा.
योगेश साहनी ने हालांकि कहा कि विपक्षी दलों ने निर्वाचन आयोग और भाजपा को स्पष्ट कर दिया है कि वे अगले विधानसभा चुनावों को प्रभावित करने के लिए गैर-स्थानीय लोगों को मतदान का अधिकार देने के किसी भी प्रयास का विरोध करेंगे. एक अंदरूनी सूत्र ने कहा कि बैठक के अंतिम चरण में तीखी बहस हुई.
विपक्षी दलों का क्या कहना है?
नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर के मूल निवासियों से आग्रह किया कि वे अपने नाम मतदाता सूची में शामिल करवाएं, ताकि ‘अस्थायी मतदाताओं के सहारे सीट जीतने' का इरादा रखने वाली 'शक्तियां' पराजित हो सकें.उन्होंने कहा कि केंद्रशासित प्रदेश का पहला विधानसभा चुनाव सिर्फ सरकार बनाने के लिए नहीं होगा, बल्कि जम्मू-कश्मीर की पहचान और उसकी गरिमा की रक्षा के लिए होगा.
अब्दुल्ला ने शोपियां में पार्टी कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में कहा, 'जम्मू और कश्मीर में गैर-स्थानीय लोगों को मतदान करने की अनुमति देना विनाशकारी होगा. नेशनल कॉन्फ्रेंस के खिलाफ जो शक्तियां हैं, वे इतनी असुरक्षित हैं कि उन्हें सीट जीतने के लिए अस्थायी मतदाताओं का आयात करना पड़ता है.
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