Jammu Kashmir Election Date 2023: जम्मू-कश्मीर में चुनाव की सुगबुगाहट के बीच चुनाव आयोग ने घाटी से विस्थापित कश्मीरी पंडितों के वोटर लिस्ट को दुरुस्त करने का काम शुरू कर दिया है. चुनाव आयोग के लोग कश्मीरी पंडितों के घर-घर जाकर वोटर लिस्ट ठीक कर रहे हैं. इस बीच कांग्रेस का दावा है कि बीजेपी कश्मीरी पंडितों का राजनीतिक इस्तेमाल कर रही है.
जम्मू में इन दिनों कुछ इसी तरह से चुनाव आयोग कश्मीरी पंडित बस्तियों में जाकर वहां रह रहे लोगों के घरों में वोटर लिस्ट दुरुस्त कर रहे हैं. चुनाव आयोग जम्मू में वोटर लिस्ट में गलत लिखे नामों को ठीक करने के साथ ही कश्मीरी पंडितों के एड्रेस और नए कश्मीरी पंडित वोटरों का नाम वोटर लिस्ट में शामिल करने के लिए यह कवायद उनके घर जाकर कर रही है.
परिसीमन की प्रक्रिया पूरी
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद चुनाव की सुगबुगाहट तेज हो रही है. ऐसे में चुनाव आयोग के कश्मीरी पंडितों के वोटर लिस्ट को दुरुस्त करने की इस प्रक्रिया को भी प्रदेश में चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है.
राजनीति से प्रेरित है ये कवायद- कांग्रेस
चुनाव आयोग ने जो प्रक्रिया शुरू की है उसका कश्मीरी पंडित यह कहकर स्वागत कर रहे हैं कि सरकार उनके दरवाजे पर आकर उन्हें लोकतंत्र के महाकुंभ में शामिल होने के लिए प्रेरित कर रही है. जबकि कांग्रेस का दावा है कि यह कवायद राजनीति से प्रेरित है. कांग्रेस के प्रदेश के प्रवक्ता रविंद्र शर्मा के मुताबिक, बीजेपी को चुनाव के समय ही कश्मीरी पंडितों की याद आती है और कश्मीरी पंडितों के हालातों की सुध बीजेपी नहीं ले रही.
मनमोहन सिंह ने कश्मीरी पंडितों को घाटी में बसाया
कांग्रेस ने दावा किया है कि मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहते जिन कश्मीरी पंडितों को घाटी में बसाया गया था वह भी मौजूदा समय में घाटी से टारगेटेड किलिंग के खतरे के चलते भागकर जम्मू आ गए हैं. सरकार उनकी भी सुध नहीं ले रही है.
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