Election in Jammu Kashmir: त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान बुधवार को चुनाव आयोग ने कर दिया. वहीं, इस ऐलान के बाद अब जम्मू कश्मीर में भी चुनाव की तारीखों को लेकर अटकलों का बाजार गर्म होने लगा है.


मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने बुधवार को इसे लेकर स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव मौसम और सुरक्षा संबंधी चिंताओं समेत विभिन्न कारकों को ध्यान में रखकर कराए जाएंगे.


वोटर लिस्ट का कर रहे पुनरीक्षण


केंद्र शासित प्रदेश (जम्मू कश्मीर) में चुनाव के संभावित समय के बारे में यहां एक सवाल का जवाब देते हुए कुमार ने कहा कि जहां भी चुनाव कराए जाने हैं, वहां आयोग का कर्तव्य है कि तय प्रक्रिया के तहत सरकार का गठन कराया जाए. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में परिसीमन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और इसी तरह मतदाता सूची का पुनरीक्षण किया जा रहा है.


पुरानी व्यवस्था के तहत मिलेगी चाय


सीईसी ने कहा कि पुनर्व्यवस्थित और नए निर्वाचन क्षेत्रों में निर्वाचन अधिकारी और अतिरिक्त चुनाव पंजीकरण अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं. कुमार ने कहा कि प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद चुनाव कराए जाने चाहिए और मौसम, सुरक्षा चिंताओं और अन्य सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए फैसला किया जाएगा.


पिछले साल प्रकाशित हुई थी लिस्ट


बता दें कि जम्मू-कश्मीर की अंतिम मतदाता सूची 25 नवंबर 2022 को प्रकाशित हुई थी. यह सूची वर्ष 2019 में जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को खत्म करने के बाद आई थी. आर्टिकल 370 खत्म होने के बाद जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा खत्म हो गया था. इसी के साथ जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग करते हुए सरकार ने दो केंद्रशासित प्रदेश बनाए थे. एक जम्मू-कश्मीर और दूसरा लद्दाख था. परिसीमन की प्रक्रिया के बाद केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों की संख्या 83 से बढ़कर 90 हो गई हैं. यहां ये स्पष्ट कर दें कि इन सीटों में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) को आवंटित सीटें नहीं जोड़ी गईं हैं.


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