Jammu Kashmir Elections 2024: कुपवाड़ा के लंगेट निर्वाचन क्षेत्र से जमात-ए-इस्लामी समर्थित स्वतंत्र उम्मीदवार डॉ. कलीमुल्लाह का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें उन्हें एक रैली के दौरान अपने धर्म से बाहर शादी करने वाली कश्मीरी मुस्लिम महिलाओं के संवैधानिक अधिकारों का बचाव करते हुए सुना जा सकता है.


हंदवाड़ा के अननवान गांव में अपनी पहली जनसभा को संबोधित करते हुए कलीमुल्लाह ने कहा, "ऐसी शादियां भारतीय कानून के तहत संरक्षित हैं और किसी को भी आपत्ति करने का अधिकार नहीं है." इस जनसभा में जमात-ए-इस्लामी के वरिष्ठ सदस्य भी मौजूद थे.


क्या कहते सुनाई दे रहे हैं कलीमुल्लाह?


वीडियो के दूसरे हिस्से में उन्हें सोशल मीडिया का इस्तेमाल हिंदुओं और मुसलमानों के बीच तनाव पैदा करने के लिए करने की आलोचना करते हुए सुना जा सकता है. उन्होंने सरकार से उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया है जो इन शादियों को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं.


उन्होंने कहा, "1947 से 1987 तक कश्मीर में हिंदू-मुस्लिम तनाव की कोई खबर नहीं थी. हालांकि, अब दोनों समुदायों के बीच मतभेद पैदा करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने आगे कहा, "राजनीतिक नेताओं को घाटी में समृद्धि और प्रगति को प्राथमिकता देनी चाहिए क्योंकि शांति तभी हासिल की जा सकती है जब सभी लोगों, खासकर अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों को बरकरार रखा जाए." 


इस वीडियो में कलीमुल्लाह अनुच्छेद 25 का हवाला दे रहे हैं, जो धर्म की स्वतंत्रता की गारंटी देता है और कहते हैं कि धर्म हर चीज से ऊपर है. डॉ. कलीमुल्लाह की सोशल मीडिया पर "भगवा जिहाद" का समर्थन करने के लिए आलोचना की जा रही है, जिसका उद्देश्य कथित तौर पर संगठित हिदुत्व समूहों की ओर से मुस्लिम महिलाओं को हिंदू धर्म में परिवर्तित करना है.


कलीमुल्लाह ने एबीपी न्यूज पर दी सफाई


हालांकि जब ABP न्यूज़ ने जमात समर्थित उम्मीदवार डॉ कलीमुल्लाह से बात की तो उन्होंने कहा कि भाषण के साथ छेड़छाड़ की गई है और भाषण का केवल एक हिस्सा दुर्भावनापूर्ण इरादे से वायरल किया गया है.


डॉ. कलिउल्लाह ने कहा, "मैंने कहा था कि संगठित गिरोहों की ओर से स्वतंत्र इच्छा और संविधान का इस्तेमाल सुरक्षा और साधन के रूप में किया जा रहा है, जो मुस्लिम महिलाओं का धर्म परिवर्तन कर रहे हैं और सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर ऐसी शादियों को ग्लैमराइज कर रहे हैं, जिनका उद्देश्य हमारी पहचान और संस्कृति को नष्ट करना है. लेकिन दुर्भाग्य से केवल वह हिस्सा काटा गया, जिसमें मैंने हाल ही में एक मुस्लिम लड़की के हिंदू लड़के से विवाह करने की घटना के बारे में बात की थी, और वह हिस्सा छोड़ दिया गया, जिसमें मैंने इसकी निंदा की थी." 


उन्होंने आगे कहा, "मैंने लंगेट निर्वाचन क्षेत्र को प्रभावित करने वाले कई महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित किया, जैसे कि स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे, शिक्षा और अन्य बुनियादी सुविधाओं की कमी." उन्होंने कश्मीर में बढ़ते नशीली दवाओं के खतरे के बारे में गंभीर चिंता जताई, दावा किया कि इस मुद्दे पर चर्चा नहीं की जा रही है या इसे पर्याप्त रूप से संबोधित नहीं किया जा रहा है. 


'नशीली दवाओं वाले अपराधियों पर नही हो रही कार्रवाई'


उन्होंने आरोप लगाया कि नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों के लिए गिरफ्तार किए गए कई लोगों को उचित कार्रवाई के बिना रिहा किया जा रहा है. उन्होंने इस बढ़ती समस्या से निपटने के लिए तत्काल हस्तक्षेप का आह्वान किया. 


जेईएल समर्थित उम्मीदवारों को अपने धार्मिक विचारधारा को अपने चुनावी रुख के साथ संतुलित करना मुश्किल हो रहा है, और अब इंजीनियर राशिद की अवामी इत्तेहाद पार्टी के साथ गठबंधन करने के बाद, उन्हें सोशल मीडिया पर और अधिक ट्रोलिंग का सामना करना पड़ सकता है.


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