पुलवामा: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में अवंतीपोरा के त्राल इलाके में स्थित चेवा उल्लार में गुरुवार रात से आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ जारी है. इस दौरान एक आतंकवादी मार गिराया गया है. आतंकियों के छिपे होने का इनपुट मिलने के बाद से सुरक्षाबलों ने सर्च ऑपरेशन छेड़ा था. जैसे ही सुरक्षाबलों ने घेराबंदी सख्त करनी शुरू की, छिपे हुए आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी, जिससे मुठभेड़ की शुरुआत हुई.


इससे पहले जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के सोपोर में गुरुवार को सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच हुए मुठभेड़ में एक आतंकवादी मारा गया. सूचना के आधार पर सेना, पुलिस और सीआरपीएफ की एक संयुक्त टीम ने रात के दौरान क्षेत्र में घेराबंदी की थी.


अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर 2014 से घुसपैठ की 146 कोशिशें हुईं
अंतर्राष्ट्रीय सीमा (आईबी) पर 2014 से 15 जून, 2020 के बीच कुल 146 घुसपैठ की कोशिशें हुईं. इन सभी प्रयासों को विफल कर दिया गया और पाकिस्तान से भारतीय क्षेत्र में घुसने की कोशिश करते हुए 25 आतंकवादियों के मंसूबों को भी नाकाम कर दिया गया. घुसपैठ की ये सभी कोशिशें जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान के साथ लगती सीमाओं पर हुईं. जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ के मामलों की अधिकतम और राजस्थान में न्यूनतम संख्या दर्ज की गई है.


लगभग साढ़े छह साल (एक जनवरी, 2014 से 15 ,जून 2020 के बीच) की अवधि में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने 12 आतंकवादियों को भी पकड़ा है, जिन्हें नियंत्रण रेखा (एलओसी) और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में लॉन्च पैड के माध्यम से भारतीय क्षेत्र में भेजा गया था. जम्मू-कश्मीर और देश के अन्य हिस्सों में हिंसा को बढ़ाने के उद्देश्य से इन आतंकवादियों को सीमा पार कराने की कोशिश की गई थी.


बीएसएफ भारत और पाकिस्तान के बीच 3,323 किलोमीटर सीमा के माध्यम से घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम करने के लिए जिम्मेदार नोडल सुरक्षा बल है. दोनों देशों के बीच सीमाओं के माध्यम से किसी भी घुसपैठ के प्रयास को नाकाम करने के अलावा पाकिस्तान की ओर से सीमा के माध्यम से की जाने वाली तस्करी और अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए 2.5 लाख कर्मियों वाले मजबूत केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) या अर्धसैनिक बल के जवान सीमा पर तैनात रहते हैं.


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