डीजी ने कहा, "हमारे जवान तैयार थे, अब तक तीन आतंकवादी मारे गए हैं. ऑपरेशन अभी जारी है. इसे जल्द खत्म किया जाएगा." एडीजी सीआरपीएफ के मुताबिक एक या दो आतंकी अभी भी छिपे हो सकती है. ऐसे में सवाल ये है कि आतंकी हमले की आशंका होने के बावजूद इतने बड़े हमले को कैसे अंजाम दे दिया गया.
गौरतलब है कि ऑपरेशन ऑल आउट से बौखलाए आतंकवादियों ने साल 2017 के आखिरी दिन जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में पठानकोट एयरबेस की तर्ज पर बड़ा हमला किया है. सीआरपीएफ के ट्रेनिंग सेंटर में रविवार तड़के दो बजे घुसे जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने जबरदस्त फायरिंग शुरू कर दी. जवानों ने तुरंत मोर्चा संभाला और मुठभेड़ शुरू हो गई. ऑपरेशन फिलहाल जारी है.
ट्रेनिंग कैंप पर आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार भी सतर्क है. गृह राज्यमंत्री ने भी कहा कि पाकिस्तान लगातार आतंकियों के मारे जाने की वजह से बौखलाया हुआ है. लेकिन वो हमले करते रहेंगे और हमारे जवान आतंकियों को मारते रहेंगे.
साल 2017 में ऑपरेशन ऑल आउट के तहत करीब कुल 214 आतंकियों को ढेर कर दिया है. लेकिन कभी मुठभेड़ में तो कभी छिपकर कारयाना हमले के चलते हमारे जवानों की भी शहादत हुई है. इस साल देश ने करीब 90 जवानों की शहादत दी है.
पुलवामा में इस आतंकी हमले के लिए जैश एक मोहम्मद आतंकी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी ली है. ये वही जैश ए मोहम्मद संगठन है, जिसका आका मौलाना मसूद अजहर है. जो पाकिस्तान में बैठकर बड़े आराम से कश्मीर की शांति भंग करने के लिए आतंकियों की फैक्ट्री चला रहा है. जैश ए मोहम्मद ने ऐसे और भी आतंकी हमलों की चेतावनी दी है.
उधर नौशेरा सेक्टर में भी पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन करते हुए गोलीबारी की है. जिसमें भारत का एक जवान जगसीर सिंह शहीद हुआ है. 32 साल के जगसीर पंजाब के फिरोजपुर के रहने वाले थे. वो अपने पीछे पत्नी और दो बच्चों को छोड़ गए हैं.