श्रीनगरः एलपीजी को लेकर उपराज्यपाल की चिट्ठी पर मचे बवाल पर प्रदेश के खाद्य आपूर्ति विभाग ने सफाई दी है. चिठ्ठी में दिए गए निर्देश रूटीन हैं और राज्य में हालात को लेकर कोई भी खतरा नहीं. डायरेक्टर बशीर अहमद के अनुसार आम तौर पर एक महीने की स्टॉक का प्रावधान रखा जाता है जो जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के हालात और बरसात के मौसम के चलते बढ़ा कर दो महीने किया गया है और यह आदेश तेल और गैस कंपनियों के लिए है ना कि आम जनता के लिए है. लोगों को ऐसी अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए.
बता दे कि लद्दाख में हिंसक झड़प के बाद से ही भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. इसी बीच जम्मू कश्मीर में खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि एलपीजी सिलेंडर का पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित किया जाए क्योंकि आने वाले दिनों में हाईवे बंद होने के कारण एलपीजी सिलेंडर को लाने में समस्या हो सकती है.
आदेश में कहा गया कि भूस्खलन के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने की वजह से आपूर्ति प्रभावित हो सकती है. लेकिन तथ्य यह है कि तेल कंपनियों के पास जो स्टॉक है वह कम से कम 15 दिनों से एक महीने तक चल सकता है और ऐसा कोई आदेश जारी करने की जरूरत समझ नहीं आती है. दूसरा, हाईवे की स्थिति इतनी बुरी नहीं है कि यह इतनी लंबी अवधि के लिए बंद किया जाए.
वहीं लोगों का कहना है कि इसी तरह का आदेश पिछले साल जुलाई में धारा 370 को खत्म करने से पहले और बालाकोट हवाई हमले से पहले भी जारी किया गया था. इसके अलावा जम्मू कश्मीर में एक दूसरा आदेश भी जारी किया गया है. दूसरे आदेश के मुताबिक गांदरबल में सुरक्षाबलों के लिए स्कूल की इमारतों को खाली करने के आदेश दिए गए हैं.
आदेश में पुलिस अधीक्षक गांदरबल ने जिले के 16 स्कूलों, शिक्षण संस्थानों से इमारतों को खाली करने का अनुरोध किया है. आदेश में कहा गया है कि अमरनाथ यात्रा-2020 के मद्देनजर इन शैक्षिक केंद्रों को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की कंपनियों के आवास के लिए उपलब्ध करवाया जाएं. गौरतलब है कि गांदरबल कारगिल से सटा हुआ जिला है और लद्दाख का सड़क मार्ग इस क्षेत्र से होकर जाता है.
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