Yasin Malik Case: 'प्रधानमंत्री के हत्यारों को भी किया गया माफ', महबूबा मुफ्ती ने यासीन मलिक की सजा पर की पुनर्विचार की मांग
Yasin Malik News: एनआईए ने शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट का रुख कर कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को मौत की सजा दिए जाने का अनुरोध किया था.
Mehbooba Mufti On Yasin Malik Case: जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने यासीन मलिक के मामले की समीक्षा करने की मांग की है. उन्होंने शनिवार (27 मई) को कहा कि जम्मू एंड कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक (Yasin Malik) के मामले की समीक्षा और पुनर्विचार अवश्य किया जाना चाहिए क्योंकि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में एक प्रधानमंत्री (PM) के हत्यारे की भी सजा माफ कर दी जाती है.
एनआईए ने दिल्ली हाई कोर्ट से अलगाववादी नेता यासीन मलिक को मौत की सजा सुनाए जाने का अनुरोध किया है. जिसके बाद महबूबा मुफ्ती की ये टिप्पणी आई है. एनआईए की याचिका को जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस तलवंत सिंह की पीठ के समक्ष 29 मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है. मलिक को आतंकवाद के फंडिंग के एक मामले में पिछले साल दिल्ली की एक निचली अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी.
"मामले की समीक्षा और पुनर्विचार हो"
एनआईए ने शुक्रवार को कोर्ट में कहा था कि इस तरह के खूंखार आतंकवादी को मृत्युदंड नहीं देने का परिणाम न्याय के लिए अच्छा नहीं होगा. वहीं महबूबा ने ट्वीट किया कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में, जहां प्रधानमंत्री के हत्यारे तक की सजा माफ कर दी जाती है, वहां यासीन मलिक जैसे राजनीतिक कैदी के मामले की अवश्य ही समीक्षा और पुनर्विचार किया जाना चाहिए.
महबूबा मुफ्ती का बुखारी पर निशाना
महबूबा मुफ्ती ने अपने दल के पूर्व नेता अल्ताफ बुखारी की भी आलोचना करते हुए कहा कि जो लोग मलिक को फांसी दिए जाने की मांग कर रहे हैं, वे हमारे सामूहिक अधिकारों के लिए एक गंभीर खतरा हैं. अपनी पार्टी के प्रमुख बुखारी ने कहा है कि देश की सुरक्षा को खतरा पैदा करने का प्रयास करने वालों के खिलाफ प्रतिरोधक उपाय किए जाने चाहिए. हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि न्याय हो और सुरक्षा को खतरा पैदा करने वालों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएं.
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