जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा- अनुच्छेद 370 के हिमायती को लोग जूतों से मारेंगे
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि राहुल गांधी ने कश्मीर मुद्दे पर पॉलिटिकल जुवेनाइल की तरह व्यवहार किया है. उन्होंने नेताओं की गिरफ्तारी पर भी बयान दिया.
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने के खिलाफ रहे विपक्षी दलों के नेताओं पर निशाना साधा और जूता मारने तक की बात कह दी. उन्होंने राहुल गांधी का जिक्र करते हुए कहा कि जिस वक्त देश में चुनाव आएगा और उनके विरोधी इतना कह देंगे कि ये अनुच्छेद 370 के हिमायती हैं तो लोग जूतों से मारेंगे.
मलिक ने कहा कि राहुल गांधी ने पॉलिटिकल जुवेनाइल की तरह व्यवहार किया है. राज्यपाल ने कहा, ''राहुल गांधी के लिए मैं इसलिए नहीं बोलना चाहता क्योंकि वो देश के एक प्रतिष्ठित परिवार का लड़का है. लेकिन उसने पॉलिटिकल जुवेनाइल की तरह व्यवहार किया है और उसी का नतीजा है कि संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की चिट्ठी में उसका बयान दर्ज है. ऐसा नहीं करना चाहिए था.''
उन्होंने आगे कहा, ''उसको बोलना उस दिन था जब संसद के फ्लोर पर उसका नेता (अधीर रंजन चौधरी) कश्मीर के सवाल को संयुक्त राष्ट्र से जोरकर कह रहा था. वो अगर लीडर था तो खड़ा होकर नेता को डांटता और कहता कि कश्मीर पर ये स्टैंड है. आज तक उन्होंने रुख साफ नहीं किया है. मैं आपको बता रहा हूं कि जिस वक्त देश में चुनाव आएगा और उनके विरोधी इतना कह देंगे कि ये अनुच्छेद 370 के हिमायती हैं तो लोग जूतों से मारेंगे.''
J&K Guv says,"Rahul Gandhi ne political juvenile ki tarah behave kiya hai.Aaj UN mein Pak ki chithi mein uske bayanat darz hai... jis waqt desh mein chunav aayega unke virodhi ko kuch kehni ki zaroot nahi hai woh bas ye keh denge,yeh 370 ke himayati hai toh log juton se maarenge" pic.twitter.com/gqXQARPMNf
— ANI (@ANI) August 28, 2019
आपको बता दें कि आज ही राहुल गांधी ने पाकिस्तान को खरी-खरी सुनाते हुए कहा कि कई मुद्दों पर नरेंद्र मोदी सरकार से असहमत होने के बावजूद वह यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है और पाकिस्तान या कोई दूसरा देश इसमें दखल नहीं दे सकता.
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि जम्मू कश्मीर में आतंकी ज्यादा मोबाइल इंटरनेट इस्तेमाल करते थे इसलिए बैन लगाया है. उन्होंने उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती जैसे नेताओं की गिरफ्तारी पर कहा, ‘‘ क्या आप नहीं चाहते हैं लोग नेता बनें. मैं 30 बार जेल गया हूं. जो लोग जेल जाते हैं, वे नेता बनते हैं. उन्हें वहां रहने दें. जितना ज्यादा वक्त वे जेल में बिताएंगे, चुनाव प्रचार के समय उतना ही वे दावे कर पाएंगे. मैंने छह महीने जेल में गुज़ारे हैं.’’
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उन्होंने कहा, ‘‘ इसलिए अगर आपको उनसे हमदर्दी है, तो उन्हें हिरासत में लेने से दुखी नहीं हों. वे सभी अपने घरों में हैं. मैं आपातकाल के दौरान फतेहगढ़ जेल में था जहां पहुंचने में दो दिन लगते थे. अगर किसी मुद्दे पर किसी को हिरासत में लिया जाता है और उसकी मर्जी है तो वह राजनीतिक लाभ लेगा.’’ फारूक अब्दुल्ला अपने घर में हैं, जबकि उनके बेटे उमर हरि निवास में हैं. वहीं महबूबा मुफ्ती को चश्मेशाही में रखा गया है.