श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राहुल गांधी पर घाटी का दौरा करने के उनके निमंत्रण पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए सोमवार को कहा कि वह केवल कांग्रेस नेता को 'आधारहीन बयान' देने से रोकना चाहते थे. मलिक ने कहा कि वह कई सारे विपक्षी नेताओं के साथ यहां आए और कहा कि वह हिरासत में लिए गए सभी नेताओं से मिलना चाहते हैं और मीडियाकर्मियों से बातचीत करना चाहते हैं.


राज्यपाल ने यहां एक बयान में कहा, ''मैं यह साफ कर देना चाहता हूं कि जब मैंने राहुल गांधी को जम्मू-कश्मीर आने का न्यौता दिया था तो मेरी मंशा यह थी कि वह कश्मीर की स्थिति खुद देखकर उसके बारे में आधारहीन बयानबाजी करने से परहेज़ करेंगे.''


उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता ने इसे 'कभी न खत्म होने वाला मुद्दा' बना दिया है. मलिक ने कहा, ''जब राहुल गांधी ने मेरे निमंत्रण पर इस तरह की राजनीति की तो मैंने अपना न्यौता वापस ले लिया. और अब यह तय करना प्रशासन का विशेषाधिकार है कि राहुल गांधी कश्मीर की यात्रा करें या नहीं करें.''


राज्यपाल ने कहा कि प्रशासन ने पहले ही यह साफ कर दिया था जब वह घाटी में शांति बनाए रखने की कोशिश कर रहा है, तब 'शांति बनाए रखने में मदद करने' के बजाय शांति भंग करने के लिए किसी नेताओं को नहीं आना चाहिए.


उन्होंने कहा कि गांधी को समझना चाहिए कि उनकी यात्रा लोगों के लिए परेशानी खड़ी करती.


मलिक ने कहा, ''राहुल गांधी ने शांति प्रक्रिया में बाधा खड़ा करने की कोशिश की. जब उन्हें यह नहीं करने दिया गया तो उन्होंने नयी दिल्ली लौटने पर कश्मीर के बारे में झूठे बयान दिये.''


राज्यपाल ने कहा, ''मैं राहुल गांधी को बता देना चाहता हूं कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ उनके ऐसे बयानों का इस्तेमाल कर रहा है. उन्हें समझना चाहिए कि जम्मू-कश्मीर में स्थिति नाजुक है और यह राष्ट्रीय हित का मुद्दा है. उनके बयान राष्ट्रहित का नुकसान पहुंचाते हैं.''


मलिक ने कहा कि वह राहुल गांधी से गुजारिश करना चाहते हैं कि संवेदनशील मुद्दे का इस्तेमाल अपनी 'ओछी राजनीति' के लिए करने के बजाय, राष्ट्रहित को ऊपर रखें.


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