Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच स्वास्थ्य विभाग में अवैध नियुक्तियों की जांच के आदेश दिए हैं. विभाग में जहां अधिकतर नियुक्तियां निचले स्तर पर हैं तो वहीं अराजपत्रित संवर्ग में भी कुछ नियुक्तियों को लेकर तहकीकात चल रही है. 


सिविल सचिवालय के अधिकारियों ने बताया कि लेखापरीक्षा और निरीक्षण विभाग में हो रहे गंभीर भ्रष्ट आचरण की ओर इशारा करने के बाद पांच सदस्यीय समिति स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग, जम्मू और कश्मीर में अन्य अवैध नियुक्तियों के अलावा 2274 वर्ग 3 और 4 कैडर के पदों की जांच करेगी. आदेश में कहा गया है कि कमेटी की अध्यक्षता निदेशक वित्त स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा (एच एंड एमई) करेंगे, जिसमें चार अन्य सदस्य होंगे. 


आदेश में क्या है?


आदेश में कहा गया है, "स्वास्थ्य विभाग में अवैध नियुक्तियों की पहचान करने और पुनरीक्षण करने की कवायद की निगरानी के लिए समिति के गठन को मंजूरी दी जाती है. जैसा कि ऑडिट और निरीक्षण विभाग या अन्य सभी अवैध नियुक्तियों के बारे में बताया गया है."


कमेटी कब तक रिपोर्ट देगी?


कमेटी को सभी जांच के दायरे में आ रहे 2 हजार 274 कर्मचारियों के लिए प्रासंगिक नियमों और रोजगार के विनियमन को लागू करके इस मुद्दे को हल करने के लिए एक बार नीतिगत निर्णय लेने का निर्देश दिया गया है. साथ ही समिति अवैध नियुक्तियों में शामिल अधिकारियों के खिलाफ भी निर्णय लेगी. कमेटी को 30 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है.


हालांकि ये नियुक्तियां कब की गई थीं, इसको लेकर आदेश समय सीमा साफ नहीं है. सूत्रों ने बताया कि ज्यादातर लोगों को नियुक्ति एनसी-कांग्रेस शासन के दौरान हुई है. कुछ पीडीपी-बीजेपी की गठबंधन सरकार के दौरान यानी 2014 से 18 के बीच की गई थी. 


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