श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर सरकार ने शैक्षणिक संस्थानों को अपने पुस्तकालयों के लिए भगवत गीता और रामायण की कॉपी खरीदने के आदेश को आज विवाद के बाद वापस ले लिया. मुख्य सचिव द्वारा जारी आदेश में कहा गया, "शिक्षा विभाग द्वारा कुछ धार्मिक किताबों को पुस्तकालयों के लिए खरीदे जाने संबंधी सर्कुलर को वापस ले लिया गया है."


शिक्षा विभाग ने एक आदेश जारी कर भगवत गीता और रामायण की प्रतियां खरीदने के आदेश को सोमवार को सार्वजनिक किया था. सर्कुलर में कहा गया था कि शिक्षा से संबंधित सभी विभाग भगवतगीता और रामायण का उर्दू वर्जन खरीदे.





राज्य सरकार के फैसले के बाद भारी विवाद हुआ. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा, "सिर्फ गीता और रामायण ही क्यों? यदि धार्मिक किताबों को स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी पुस्तकालयों में रखा जाना है तो इन्हें केवल एक धर्म के आधार पर क्यों चुना जा रहा है? बाकी के धर्मों को नजरअंदाज क्यों किया जा रहा है?