Vaishno Devi Shrine Board: 1 जनवरी 2022 को वैष्णो देवी में मची भगदड़ में हुई 12 लोगों की मौत को लेकर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने केंद्र शासित प्रदेश (जम्मू-कश्मीर) प्रशासन को तीन सदस्यीय जांच रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. बता दें कि लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने तत्कालीन गृह सचिव शालीन काबरा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय पैनल को तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उच्च स्तरीय जांच के लिए गठित किया था.
इस पैनल को पिछले साल 7 जनवरी तक मामले की पूरी रिपोर्ट पेश करनी थी. मुख्य न्यायाधीश एन कोटेश्वर सिंह और न्यायमूर्ति वसीम सादिक नरगल की पीठ ने अधिवक्ता शेख शकील अहमद की दायर की गई एक याचिका का बचाव करते हुए केंद्र शासित प्रदेश (जम्मू-कश्मीर) प्रशासन श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के अधिकारियों को समिति की सिफारिशों को आगे बढ़ाने की निर्देश दिए.
'याचिका पर आगे चर्चा करना अर्थहीन'
दरअसल वकील अहमद की दाखिल की गई याचिका में जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई करने की मांग की गई थी. इसके अलावा दोषी अधिकारियों के खिलाफ जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए इसे सार्वजनिक करने की भी मांग की गई थी. याचिका में कहा गया है कि वैष्णो देवी में मची भगदड़ मामले के लिए बनाई गई समिति की रिपोर्ट के बारे में हमें जानकारी नहीं दी गई. इस संबंध में न्यायालय ने कहा कि यात्रा को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए कमेटी ने जो भी निर्णय लिए हैं हम उनसे संतुष्ट हैं. इसलिए अहमद की याचिका पर आगे चर्चा करना अर्थहीन होगा.
हादसे में हुई थी 12 लोगों ती मौत
बता दें कि पिछले साल एक जनवरी को तड़के वैष्णो देवी में गुफा मंदिर में ज्यादा भीड़ की वजह से कम से कम 12 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी और करीब 16 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इसी मामले की जांच के लिए कमेटी बनाई गई थी जिसपर संतुष्टि दिखाते हुए उच्च न्यायालय प्रशासन को कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
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