(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
कश्मीर में बढ़ता टारगेट किलिंग का खौफ, शोपियां से हिंदू परिवारों ने जम्मू की ओर किया पलायन
टारगेट किलिंग के खौफ से शोपियां में कश्मीरी हिंदू पंडित लगातार जम्मू की ओर पलायन कर रहें है. हालांकि शोपियां प्रशासन पलायन की खबरों को लगातार निराधार बता रहा है. अब तक 10 परिवार पलायन कर चुके हैं.
Target Killing in Jammu Kashmir: कश्मीर में टारगेट किलिंग की घटनाएं लगातार बढ़ती ही जा रहीं है. इस कारण कश्मीरी पंडितों में खौफ का माहौल बना हुआ है. शोपियां के चौधरी गुंड गांव में लगभग 50 परिवार रहते हैं जिसमें से 12 कश्मीरी पंडितो के परिवार रहते हैं, लेकिन अब बढ़ते हुए टारगेट किलिंग के खौफ से हिंदू परिवार जम्मू की ओर पलायन कर रहें है.
आपको बता दें कि गांव में बुलेटप्रूफ वाहनों का बेड़ा और भारी संख्या में अर्द्धसैनिक बल तैनात हैं. इसके बावजूद भी वहां के निवासी खुद को महफूज नहीं समझते.
पूरन कृष्ण भट्ट की हत्या से गांव में दहशत
शोपियां में कश्मीरी पंडित पूरन कृष्ण भट्ट को चरंपथियों ने उनके घर के आगे ही उनकी हत्या कर दी थी जिसके बाद से घाटी में और अधिक दहशत फैल गई थी. इसकी वजह से घाटी में पहले 2 परिवारों ने पलायन किया था लेकिन अब करीब 10 हिंदू परिवार घाटी छोड़कर जम्मू रवाना हो गए हैं. हिंदू परिवार अपने बाग-बगीचों और फसलों की रोपाई के समय नुकसान झेल कर दहशत में लगातार पलायन कर रहें है. परिवारों ने अपनी फसलों की देखभाल करने के लिए मुस्लिम पड़ोसियों को सौंप दी है.
शोपियां प्रशासन ने पलायन को निराधार बताया
कश्मीर के शोपियां में लगातार हिंदुओं के पलायन की खबरें लगातार सामने आ रहीं हैं तो दूसरी ओर शोपियां प्रशासन पलायन को निराधार बता रहा है. जिला प्रशासन ने डर से हिंदू परिवारों के पलायन की बात को यह कहकर खारिज किया है कि अक्सर सर्दी के मौसम में हिंदू परिवार खेती का मौसम खत्म होने के बाद जम्मू की ओर कुछ वक्त के लिए रहने जाते हैं. वहीं पलायन करने वाले जवाहर लाल कहते हैं कि उन्होनें खौफ में अपना आशियाना छोड़ा है. पूरन कृष्ण भट्ट की हत्या ने गांववासियों के मन में अपनी जान का खतरा पैदा कर दिया इसलिए खुद की जान बचाने के लिए उन्हें जम्मू की ओर पलायन करना पड़ा लेकिन आशियाना न होने के कारण उन्हें यहां भी दर-दर भटकना पड़ रहा हैं
मुस्लिमों ने भी हत्या को पलायन का दिया दोष
घाटी के मुसलमान भी इस हत्या को ही पलायन के लिए दोष देते हैं. एक मुस्लिम महिला ने बताया कि कुछ लोग सर्दी के मौसम में जम्मू जाते थे, खासतौर पर वो जो बूढ़े और कमज़ोर हैं. बाकी लोग यहीं रहते थे पर अब इस हत्या से फैले दहशत में सब इस बार गांव छोड़कर चले गए हैं.