नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में पहले सेना के राइफल मैन औरंगजेब और अब राज्य पुलिस के जवान जावेद अहमद डार की अपहरण और हत्या के बाद गृह मंत्रालय चिंतित है. सुरक्षा बलों में काम करनेवाले जवानों और अफसरों की छुट्टी के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गृह मंत्रालय जल्द नई सुरक्षा गाइडलाइंस जारी कर सकता है.


ड्राफ्ट गाइडलाइंस के मुताबिक, कश्मीर घाटी में तैनात सुरक्षा बल के जवान और ऑफिसर छुट्टी पर जाने से पहले अपने वरिष्ठ अधिकारियों को छुट्टी का प्लान देंगे और अधिकारी को अपने मूवमेंट की जानकारी देंगे. सूत्रों के मुताबिक, कश्मीर के रहने वाले सुरक्षा कर्मियों अगर छुट्टी के दौरान पारिवारिक समारोह में भाग लेते हैं तो उसका भी पूरा ब्योरा देना होगा, ताकि उनकी सुरक्षा का इंतजाम किया जा सके.


गृह मंत्रालय को जम्मू-कश्मीर प्रशासन की तरफ से दी गई शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर के पुलिस कांस्टेबल जावेद अहमद डार ने पुलिस को अपने घर जाने की जानकारी नहीं दी थी संभवतः इसी वजह से हिज्बुल मुजाहिद्दीन के आतंकियों ने बिना सुरक्षा के पहुंचे जावेद अहमद डार को निशाना बनाया. डार का शव आज सुबह बरामद किया गया था. जावेद डार को शोपियां जिले के वेहिल गांव में उनके घर से गुरुवार शाम को अगवा कर लिया गया था. पुलिस ने बताया कि डार का शव कुलगाम के परिवान गांव से बरामद हुआ है.


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गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, ''आतंकियों के खिलाफ सेना और दूसरे सुरक्षा बल जिस तरीके से ऑपरेशन ऑल ऑउट घाटी में चला रहे हैं उसकी वजह से आतंकी बौखलाहट में है.'' पिछले कुछ दिनों से आतंकी गुट सुरक्षा बलों में काम करने वाले ऑफिसर जवान, जो कश्मीर के बाशिंदे हैं, को चेतावनी दे रहे थे कि सुरक्षाबलों के खिलाफ वह खतरनाक ऑपरेशन करेंगे. गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि ऑपरेशन की वजह से आतंकी गुट जवानों और अफसरों को निशाना बना रहे हैं. जिसका साफ़ मकसद है जवानों का मनोबल तोड़ना.


साथ ही आतंकी गुट एसपीओ को धमका रहे हैं कि वो हथियार के साथ सुरक्षा बलों को छोड़ कर आतंकियों के साथ आ जाएं. इसका असर देखा भी जा रहा है और ऐसे कई मामलों सुरक्षा बल के जवान आतंकी गुट में शामिल हो जाते हैं.


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