Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर के इमाम की जुड़वा बेटियों ने पहली बार में ही किया NEET क्वालिफाई, बताया सक्सेस फॉर्मूला
NEET Exam Results 2023: नीट के नतीजे आने के बाद पहाड़ी राज्य जम्मू-कश्मीर में भी खुशी का माहौल बना हुआ है. यहां पर एक इमाम की जुड़वा बेटियों ने इसमें सफलता हासिल की है.
NEET Exam: जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में एक इमाम की जुड़वा बेटियों ने राष्ट्रीय योग्यता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) को पास किया है. परीक्षा के नतीजे बीते दिन यानि मंगलवार (13 मई) को घोषित किए गए थे. इसके बाद से घर में खुशी का माहौल बना हुआ है. इन दोनों लड़कियों ने पहली ही बार में इस बड़ी परीक्षा में सफलता हासिल की है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, दक्षिण कश्मीर के नूराबाद इलाके के वाटू गांव की रहने वाली सैयद साबिया और सैयद बिस्माह ने मेडिकल कॉलेज में एडिमिशन लेने के लिए परीक्षा दी थी. इसमें से साबिया को 625 और बिस्माह को 570 नंबर मिले हैं. नतीजे आने के बाद घर में खुशी की लहर दौड़ गई और आस पड़ोस के लोगों ने भी बधाइयां दीं.
बेटियों ने बताया सफलता का राज
दोनों बहनों ने इस सफलता का श्रेय अपनी फैमिली और टीचर्स को दिया है. सैयद साबिया ने कहा, “हमारे माता पिता ने बचपन से ही हमारा बहुत साथ दिया. हमारे इलाके के लोगों ने हमारा हौसला बढ़ाया. मेरी सफलता में सभी की भूमिका है. नीट में सफलता हासिल करने वाली इन बहनों का कहना है कि नीट पास करने के लिए किसी भी व्यक्ति को पूर एकाग्रता से पढ़ाई करने की जरूरत है.
साबिया ने तीसरी कक्षा तक स्थानीय इस्लामिक मॉडल स्कूल में पढ़ाई की है और इसके बाद उन्होंने निजी स्कूल में दाखिला लिया. साबिया ने कहा कि उनके शिक्षकों ने हमेशा उनका आत्मविश्वास बढ़ाया कि वह जिंदगी में कुछ बड़ा कर सकती हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ मेरे शिक्षकों का आभार. मैंने डॉक्टर या आईएएस अधिकारी बनने और जिंदगी में कुछ बड़ा करने का सपना देखा.’’
वहीं, दूसरी बहन सैयद बिस्माह ने कहा कि नीट का परिणाम घोषित होने से पहले दोनों काफी डरी हुईं थीं लेकिन ‘‘ हम इस बात से खुश हैं कि परिणाम काफी अच्छा रहा. हम इसके लिए ऊपर वाले का शुक्रिया अदा करते हैं. हमारा पूरा परिवार खुश है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम में से कोई अकेला होता तो हमें और भी मुश्किलों का सामना करना पड़ता. हमने इस सफलता को हासिल करने की पूरी यात्रा में एक-दूसरे का साथ दिया. मैं चाहती हूं कि हम दोनों एक अच्छी डॉक्टर बनें और लोगों की सेवा करें.’’
बेटियों की सफलता पर पिता ने क्या कहा?
स्थानीय जामा मस्जिद के इमाम और इन बेटियों के पिता सजाद हुसैन ने कहा,‘‘मैं अल्लाह का शुक्रिया अदा करता हूं. मैं इनकी उपलब्धियों से बहुत खुश हूं. धार्मिक और दुनियावी दोनों शिक्षा जरूरी हैं. मैं अपनी बेटियों को इस्लाम, प्रार्थना, कुरान सिखाता हूं और उन्हें स्कूली शिक्षा भी दी है.’’
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