Jammu Kashmir Kheer Bhawani Mela: घाटी में टारगेट किलिंग की कई घटनाओं के बीच दहशत का माहौल बना हुआ है. एक तरफ सेना लगातार आतंकियों पर नकेल कस रही है. तो वहीं आतंक के साये में एक बार फिर से खीर भवानी यात्रा (Kheer Bhawani Yatra) शुरू हो चुकी है. कश्मीर घाटी (Kashmir Valley) में टारगेट कीलिंग के बीच दो साल बाद गांदरबल के खीर भवानी मंदिर (Kheer Bhawani Temple) में आज मेला लग रहा है. इस मेले में हिस्सा लेने के लिए बड़ी संख्या श्रद्धालु गांदरबल (Ganderbal) में पहुंचे हैं. मंगलवार को जम्मू से श्रद्धालुओं की बस गांदरबल पहुंची.
कोरोना काल में खीर भवानी यात्रा दो साल तक बंद रही थी लेकिन इस साल यात्रा शुरू होने से पहले टारगेट किलिंग की वजह से कश्मीरी पंडितों के संगठन ने यात्रा स्थगित करने का फैसला किया था. लेकिन कुछ श्रदालु डर के साये में गांदरबल पहुंचे हैं.
घाटी में दहशत के बीच खीर भवानी मेला
घाटी में आतंक के माहौल के बीच मंगलवार को 250 श्रद्धालु बस से खीर भवानी मंदिर पहुंचे. इनमें ज्यादातर प्रवासी कश्मीर पंडित शामिल हैं. ये सभी मंगलवार को मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले में खीर भवानी मंदिर में दर्शन करने के लिए सरकारी बसों के बेड़े में जम्मू से रवाना हुए थे. अधिकारियों ने बताया कि यहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. COVID-19 के प्रकोप के कारण ये मेला करीब दो साल के अंतराल के बाद आयोजित किया जा रहा है.
श्रीनगर से कितना दूर है खीर भवानी मंदिर?
तीर्थयात्रा के सफल समापन के लिए जम्मू और कश्मीर दोनों संभागों में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है. खीर भवानी मंदिर (Kheer Bhawani Temple) श्रीनगर से करीब 35 किमी दूर है. खीर भवानी को कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits) की आराध्य देवी माना जाता है. यहां हर साल खीर भवानी महोत्सव मनाया जाता है. पूरे कश्मीर में पांच मंदिरों में खीर भवानी मेलों का आयोजन किया जाता है. तीर्थयात्री बुधवार को मंदिर में दर्शन करेंगे और एक दिन बाद जम्मू लौटेंगे.
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