J&K: सीमावर्ती गांव में वैक्सीनेशन को लेकर चला ड्राइव, मदद के लिए आगे आई सेना
सेना के एक ऑफिसर ने वैक्सीनेशन कैंप के बारे में बताया कि इस काम में सेना के लोकल कैंप की मदद ली गई है. उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में कुपवाड़ा के इस सरहदी बेल्ट में फैले हर गांव और हर निवासी तक वैक्सीन पहुंच जाए यही उनकी कोशिश है.
श्रीनगरः जम्मू कश्मीर में जारी वैक्सीनेशन ड्राइव के दूर दराज़ के इलाकों में मदद के लिए सेना आगे आई है. कुपवाड़ा के दुर्गम ध्रांगयारी और रंगवार में सेना ने स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर कई गांवों में कैंप लगा कर वैक्सीन लगाने का काम पूरा कर दिया. कुपवाड़ा के क्रालपोरा ब्लॉक अफसर मीर मोहमद शफी, की अगुवाई में इस टीकाकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया और इसमें सेना की स्थानीय यूनिट ने मदद की.
ध्रांगयारी ब्लॉक कुपवाड़ा और तंगधार के बीच सादना टॉप के पास स्थित है. यह इलाका कुपवाड़ा जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर है. हालांकि मुख्य सड़क से रंगवार का गांव के लिए पैदल सफर करना पड़ता है.
सेना की मदद से लगाए गए वैक्सीनेशन कैंप में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. इस कैंप में सबसे बुज़ुर्ग इंसान ने भी टीका लगवाया. बुजुर्ग की उम्र करीब 116 साल है. इस कैंप में दोनों श्रेणी यानि 18-44 औक 45 साल से ऊपर के लोगों को भी वैक्सीन लगाया गया.
स्थानीय लोगों के अनुसार सेना के लोकल यूनिट ने पूरे इलाके में जाकर घर-घर लोगो के बारे में जानकारी हासिल की और फिर उन्ही आंकड़ों के अनुसार ब्लॉक मेडिकल अफसर ने वैक्सीन मंगवाए. इस तरीके को अपनाकर पूरी आबादी को वैक्सीन भी लगा दी गई और वैक्सीन को बरबाद होने से भई बचा लिया गया.
वैक्सीन लगवाने के बाद बाजी अब्दुल अहद ने कहा, "आज कल के हालात में घर से दूर जाने से डर लगता है, लेकिन सेना की अदद से हमलोग को यहीं पर वैक्सीन लगा. यह सब से अच्छी बात है.'
कुपवाड़ा जिला जम्मू-कश्मीर में वैक्सीनेशन के मामले में सब से आखिरी नंबर पर है. प्रशासन ने जिले की दुर्गम भूगोल का कारण बताते हुए और यहां पर सरहद होने के कारण सेना की मदद की मांगी थी.