Jammu Kashmir: एक पैर से 2 किमी चलकर जाता है स्कूल, भावुक कर देगी कुपवाड़ा के दिव्यांग की कहानी
Kupwara Parvez Ahmed Struggle With One Leg: परवेज नाम का छात्र एक पहाड़ी गांव में रहता है और सड़क संपर्क खराब है. परवेज का कहना है कि इतनी खराब सड़कों पर मैं व्हील चेयर पर स्कूल कैसे जा सकता हूं?
Jammu Kashmir Parvez Ahmed Struggle With One Leg: बिहार (Bihar) से एक लड़की के एक पैर से स्कूल जाने का वीडियो वायरल होने के बाद, कुपवाड़ा (Kupwara) के एक सुदूर गांव में एक ऐसी ही कहानी सामने आई है. यहां भी एक युवा अपनी शारीरिक अक्षमता और अधिकारियों की उदासीनता से लड़ते हुए अपने लिए भविष्य बुनने की कोशिश कर रहा है. सुदूर कुपवाड़ा जिले के नौगाम मावर गांव के रहने वाले 14 वर्षीय परवेज अहमद हजाम (Parvez Ahmed Hajam) स्कूल जाने के लिए एक पैर से चलकर तमाम मुश्किलों का सामना कर रहा है.
परवेज 9वीं कक्षा का छात्र है. उन्हें अपने सपने को पूरा करने के लिए स्कूल पहुंचने के लिए हर दिन दो किलोमीटर से अधिक की दूरी एक पैर से (Boy With One Leg) कूदते कूदते तय करनी पड़ती है. परवेज़ के पिता गुलाम अहमद हजाम के अनुसार वर्ष 2009 में वह एक भयानक दुर्घटना में बुरी तरह जल गया था. उस समय परवेज की उम्र एक वर्ष से कुछ अधिक थी. कश्मीर की शीतकालीन रानी - कांगड़ी- जिसका इस्तेमाल हर कश्मीरी परिवार खुद को गर्म करने के लिए करता था, उसकी चोट का कारण था. बुरी तरह से जलने के बाद डॉक्टरों ने परवेज की जान तो बचा ली, लेकिन उसका कोमल पैर काटना पड़ा.
एक पैर से चलकर जाता है 2 किमी दूर स्कूल
शारीरिक अक्षमता के बावजूद परवेज अपने सपने को पूरा करने से पीछे हटना नहीं चाहता है. परवेज ने शुरू में एक स्थानीय सरकारी स्कूल में शिक्षा शुरू की, लेकिन कक्षा 5 के बाद उन्हें अपने घर से 2 किलोमीटर से अधिक की दूरी पर स्थित एक हाई स्कूल में स्थानांतरित करना पड़ा. जबकि शिक्षा विभाग ने स्थानीय समाज कल्याण विभाग के माध्यम से आवश्यक सहायता प्रदान करने में मदद की और उन्हें एक व्हील चेयर मुफ्त दी गई. लेकिन, पिछले 4 सालों से यह व्हील चेयर उनके लिए बहुत कम मददगार है.
पहाड़ी गांव में रहने पर क्या है मजबूरी?
परवेज एक पहाड़ी गांव में रहता है और सड़क संपर्क खराब है. सड़कों की हालत काफी जर्जर है. परवेज कहते हैं कि इतनी खराब सड़कों पर मैं व्हील चेयर पर स्कूल कैसे जा सकता हूं? और व्हील चेयर को पहाड़ की ढलानों से ऊपर और नीचे तक कौन सहारा देगा. परवेज के पिता गुलाम अहमद के मुताबिक वह पेशे से मजदूर हैं और उनका 9 लोगों का बड़ा परिवार है. अहमद कहते हैं कि मैं अपने बच्चों को बेहतरीन शिक्षा देना चाहता हूं और इसके लिए मुझे कड़ी मेहनत करनी होगी.
काफी होशियार छात्र है परवेज
परवेज न केवल पढ़ाई में होशियार छात्र है बल्कि पाठ्येतर गतिविधियों में भी बेहतर है. सरकारी हाई स्कूल के शिक्षक एजाज अहमद कहते हैं कि वह न केवल कक्षा में शीर्ष स्थान धारक है, बल्कि हमेशा वाद-विवाद और अन्य गतिविधियों में भाग लेने के लिए सबसे आगे है. शारीरिक रूप से कमजोर होने के बावजूद, वह हमारे स्कूल का सबसे अच्छा क्रिकेट खिलाड़ी है.
परवेज की सरकार से क्या है मांग?
परवेज अहमद हजाम (Parvez Ahmed Hajam) का कहना है कि उन्हें एक पैर से चलते समय अन्य बच्चों से बहुत सारे ताने और तीखी बातों का सामना करना पड़ा था. लेकिन परवेज़ के अनुसार उसने हमेशा ताने को नजरअंदाज किया और अपना जीवन शिक्षा हासिल करने पर केंद्रित किया. सभी मुश्किलों से लड़ते हुए परवेज़ ने अभी तक अपने आप को आगे रखा है लेकिन परवेज़ का सरकार से अभी केवल एक ही अनुरोध है कि उन्हें कुछ ऐसा साधन दिया जाए जैसे आर्टिफिशियल लेग (Artificial Leg) या फिर ऐसी कोई दूसरी चीज जो उन्हें स्कूल जाने के दौरान आने वाली परेशानी को कम कर दे.
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