Kashmiri Pandit Murder: कश्मीर घाटी में स्थानीय लोगों पर हुए हमले के पीछे लश्कर और जैश का हाथ है. लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुद को बचाने के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर नाम कश्मीर टाइगर्स का लिया जा रहा है. इसका मुखिया मुफ्ती अल्ताफ दिसंबर 2021 में ही मारा जा चुका है. कश्मीर टाइगर्स को अल्ताफ ने ही बनाया था और खुद अल्ताफ जैश का आंतकवादी था.
घाटी में कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की हत्या के पीछे कश्मीर टाइगर्स नाम के कथित आंतकी संगठन का नाम बताया जा रहा है. ये वो संगठन है जिसका जन्म साल 2021 में हुआ. आपको याद होगा 13 दिसंबर 2021 को कश्मीर के पंपोर इलाके के जेवान में जम्मू कश्मीर पुलिस की बस पर हुआ हमला था. इस हमले में एक दर्जन से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए थे और दो पुलिसकर्मी शहीद भी हो गए थे. इस हमले के फौरन बाद इसकी जिम्मेदारी कश्मीर टाइगर्स नाम के नए आतंकी संगठन ने ली थी. उसने दावा किया था कि पुलिस बस पर उसने हमला किया है.
जैश के आतंकी के तौर पर सामने आया अल्ताफ
खुफिया एजेंसी के एक आला अधिकारी ने बताया कि इस बाबत जांच किए जाने पर पता चला कि इस संगठन को जैश के आतंकवादी मुफ्ती अल्ताफ उर्फ अबू जार ने बनाया था. अबू जार के बारे में पता चला कि यह शख्स पहले अनंतनाग में अपना मदरसा चलाता था और आंतकियों के लिए ओवरग्राउंड वर्कर के तौर पर काम भी करता था. इसके बाद अल्ताफ और उसकी फैमिली गायब हो गई और अल्ताफ जैश के आतंकवादी के तौर पर सामने आया.
अब जरा आप अल्ताफ की सूरत भी देख लीजिए. यही है कश्मीर टाइगर्स का मुखिया अल्ताफ. खुफिया सूत्रों ने बताया कि इस हमले के फौरन बाद अल्ताफ के घर पर छापेमारी की गई. लेकिन वह नहीं मिला. पता चला कि जैश में शामिल होने के बाद से वह वापस नहीं आया, लेकिन सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों ने अल्ताफ को खोज निकाला और 30 दिसंबर की रात उसे उसके दो साथियों समेत नौगाम अनंतनाग मे हुए एनकांउटर में मार गिराया. इसकी पुष्टि खुद आंतकी संगठनों ने की थी. खुफिया सूत्रों का कहना है कि साल 2021 में चार नए आंतकी संगठन पाकिस्तान के इशारे पर ही बनाए गए थे. इनमे टीआरएफ, पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट, लश्करे मुस्तफा और कश्मीर टाइगर्स शामिल थे.
हिट एंड रन में माहिर है लश्कर-ए-तैयबा
खुफिया सूत्रों के मुताबिक, राहुल भट्ट और एसपीओ की हत्या में जो मोडस आपरेंडी सामने आई है, वह लश्कर के आंतकियों की है. जो हिट एंड रन में माहिर माने जाते है. इस मामले में एक आंतकी की पहचान भी कर ली गई है. अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के निर्देश पर भारतीय नाम वाले आंतकी संगठनों का नाम इसलिए लिया जाता है, जिससे पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विरोध का सामना ना करना पड़े. जबकि मुखौटा संगठनों की कमान आईएसआई जैश और लश्कर के पास ही रहती है.