LG Manoj Sinha On Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने घाटी में कश्मीरी पंडितों की हत्या को लेकर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि यह एक सच है कि कुछ कश्मीरी पंडित टारगेट किलिंग (Target Killing) के शिकार हुए हैं, लेकिन देश को धर्म आधार पर यह देखना बंद कर देना चाहिए क्योंकि बहुत से दूसरे लोग भी मारे गए हैं.
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (LG Manoj Sinha) ने 23 दिसंबर को इडिया एक्सचेंज में कहा, "ये सच है कि घाटी में इस तरह की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुई हैं. इसमें कश्मीरी पंडित टारगेट किलिंग का शिकार हुए हैं, लेकिन इसका एक दूसरा पक्ष भी है. इसे धर्म के आधार पर देखने की कोशिश देश को बंद कर देना चाहिए. काफी संख्या में दूसरे लोग भी मारे गए हैं. मैं कहना चाहता हूं कि कश्मीर घाटी के लोग भी मारे गए हैं. सेब के मौसम में बिहार, ओडिशा, झारखंड से भी मजदूर आते हैं. दो-तीन घटनाएं हुईं, लेकिन एक (झूठी) कहानी फैलाई गई."
प्रवासी मजूदरों को लेकर क्या बोले उपराज्यपाल?
कश्मीर में टारगेट किलिंग की समस्या पर उपराज्यपाल ने कहा कि कुछ लोग हैं, जो उन्हें स्थानीय या बाहरी बताते हैं. हमें इसमें नहीं पड़ा चाहिए. कश्मीर के लोगों का मानना है कि केंद्र शासित प्रदेश की अर्थव्यवस्था में मजदूरों की बहुत बड़ी भूमिका है. इसके विकास में उनकी भूमिका है. जम्मू -कश्मीर भारत का अंग है. कोई भी किसी भी राज्य में काम कर सकता है, उन्हें यहां काम करने का अधिकार है.
उन्होंने आगे कहा, "कश्मीर में बहुसंख्यक हैं जो इसकी सराहना करते हैं और चाहते हैं कि दूसरे लोग आएं और काम करें. हम उनका (प्रवासियों का) ख्याल भी रखते हैं. उनके बीमा के लिए जोर देते हैं. सेब के मौसम के दौरान, हमने उनकी आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा को लेकर जरूरी गाइडलाइनस भी जारी की थी.
LG का कश्मीरी पंडितों को लेकर बयान
उपराज्यपाल ने कश्मीरी पंडितों को लेकर कहा कि केंद्र सरकार ने पुनर्वास नीति की घोषणा की थी. पहले चरण में उनके लिए 3000 नौकरियां और 3000 घर शामिल थे. वहीं, दूसरे चरण में भी कुल 6,000 घर बनाए जाने थे, लेकिन लगभग 700 घर ही पूरे हुए. उन्होंने कहा कि जब वह अगस्त 2020 में वहां पहुंचे तो दूसरे चरण में प्रस्तावित नौकरियां नहीं भरी गईं थी. इसके अलावा पहले चरण से भी कुछ रिक्तियां थीं. इन रिक्तियों को स्वेच्छा से कुछ तकनीकी दिक्कतों का हवाला देकर खाली रखा गया था. उपराज्यपाल ने कहा, "आज मैं कह सकता हूं कि 134 पदों को छोड़कर सभी पद भरे जा चुके हैं." बता दें कि मनोज सिन्हा ने 7 अगस्त 2020 को उपराज्यपाल के रूप में शपथ ली थी.
उन्होंने कहा कि यह सच है कि घरों के बिना कश्मीरी पंडितों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन आज सभी 6,000 घरों के लिए जमीन उपलब्ध करा दी गई है और दो को छोड़कर कंस्ट्रक्शन के सभी टेंडर पूरे कर लिए गए हैं. उन्होंने कहा “लगभग 10 दिन पहले, मैं व्यक्तिगत रूप से दो स्थानों बारामूला और बांदीपुरा में निरीक्षण के लिए गया था. अप्रैल में कश्मीरी पंडितों को 1200 घर दिए जाएंगे. अगले दिसंबर तक 1800 और मकान आवंटित किए जाएंगे."
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