Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर में जल्द होंगे विधानसभा चुनाव? एलजी मनोज सिन्हा का बड़ा बयान, कही ये बात
Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के एक हालिया बयान से इस केंद्र शासित प्रदेश में जल्द चुनाव होने की उम्मीद जगी है.
Manoj Sinha On Jammu Kashmir Election: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के संबंध में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बड़ा बयान दिया है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मनोज सिन्हा ने रविवार (6 अगस्त) को कहा, ''परिसीमन और मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम खत्म हो गया है.'' इसी के साथ उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव पर निर्णय लेना चुनाव आयोग का विशेषाधिकार है.
Delimitation and revision of electoral rolls over, Election Commission's prerogative to decide on assembly polls: J-K LG Manoj Sinha
— Press Trust of India (@PTI_News) August 6, 2023
एलजी मनोज सिन्हा के इस बयान के बाद उम्मीद की जा रही है कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा का चुनाव जल्द हो सकता है. केंद्र शासित प्रदेश में सक्रिय राजनीतिक दल लंबे समय से राज्य में चुनाव कराने की मांग करते आ रहे हैं.
बीजेपी को चुनाव से लग रहा डर- उमर अबदुल्ला
इनमें जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अबदुल्ला जोरदार तरीके से चुनाव को लेकर अपनी बात कहते आए हैं और इस संबंध में बीजेपी नीत केंद्र सरकार को घेरते भी रहे हैं. 26 जुलाई को उमर अब्दुल्ला ने अपने एक ट्वीट में आरोप लगाया था कि 'इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि बीजेपी जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की अनुमति देने से बहुत डर रही है.'
और क्या बोले मनोज सिन्हा?
इसी के साथ उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, ''लोगों को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में कोई आतंकी घटना नहीं हो, हम इसे सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं.'' घाटी के माहौल के बारे में उन्होंने कहा, ''पाकिस्तान के उकसावे पर सामान्य जीवन को बाधित करने वाले अलगाववादियों और अन्य लोगों का दौर इतिहास की बात हो गया है.''
अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से किया जा रहा चुनाव का इंतजार
बता दें कि 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 को हटा लिया गया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया गया था. पहले अनुच्छेद 370 के तहत राज्य को विशेष स्वायत्तता मिली हुई थी. इसके हटने के बाद कहा गया था कि समय आने पर जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस मिलेगा और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश बना रहेगा. तब से जम्मू-कश्मीर में विधानसभा के चुनाव का इंतजार किया जा रहा है.
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