Jammu Kashmir: उप राज्यपाल मनोज सिन्हा का उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती पर निशाना, 'कुछ लोगों को लगता है कि...'
Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा ने बेघरों को घर देने के हालिया फैसले का विरोध करने पर पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं पर निशान साधा है.
Jammu-Kashmir LG Statement: जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल (एलजी) मनोज सिन्हा ने बेघरों को घर देने के हालिया फैसले का विरोध करने वाले क्षेत्रीय दलों पर जमकर निशाना साधा है. नीति पर सवाल उठाने वाले जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला का नाम लिए बिना एलजी सिन्हा ने कहा, “वे दिन गए जब कुछ लोग सरकारी संपत्ति और धन के मालिकों के रूप में काम कर रहे थे.”
श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र (SKICC) में राष्ट्रीय जनजातीय महोत्सव को संबोधित करते हुए सिन्हा ने कहा कि 2711 भूमिहीन परिवारों को जमीन और बेघर लोगों को घर देने की हालिया घोषणा ने कुछ लोगों को परेशान कर दिया है और इस कदम का विरोध भी करना शुरू कर दिया है.
हालांकि, महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला ने सरकार का हवाला देते हुए कहा था कि 2 लाख से अधिक लाभार्थियों की संख्या बढ़ा-चढ़ाकर बताई गई है और इसका मतलब अन्य राज्यों के लोगों को शामिल करना है.
'वे दिन गए जब...'
एलजी ने कहा, “मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि वे दिन गए जब वे खुद को सरकारी संपत्ति और धन का मालिक मानते थे. वे दिन गए जब वे ऐसे फैसले ले रहे थे जो उनके राजनीतिक हितों के अनुकूल थे. उन्होंने राज्य की जमीन हड़प ली और अपने लिए बड़े-बड़े घर बना लिए और गरीबों को कष्ट सहने के लिए छोड़ दिया. वही लोग अब आम लोगों को गुमराह कर रहे हैं.”
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि इस कदम का उद्देश्य बाहरी लोगों को यहां लाकर जम्मू-कश्मीर को झुग्गी बस्ती में बदलना है.
प्रत्येक बेघर परिवार को मिलेंगे 5 मालरा-एलजी सिन्हा
एलजी ने कहा, "प्रधानमंत्री आवास योजना जम्मू-कश्मीर को छोड़कर पूरे देश में लागू की गई है. अब जब यह योजना जम्मू-कश्मीर में भी लागू की जा रही है, तो कुछ लोगों को दर्द महसूस हो रहा है. ये पीएम मोदी का सपना है और पूरा होगा. ” उन्होंने आगे कहा, "प्रत्येक बेघर परिवार को 5 मालरा मिलेंगे ताकि वे अपने सपनों का घर बना सकें."
आदिवासियों के कल्याण के लिए कई कदम उठाए गए- उप राज्यपाल
शांतिपूर्ण और विकसित जम्मू-कश्मीर के लिए उनके योगदान के लिए जनजातीय समुदाय की प्रशंसा करते हुए, उप राज्यपाल सिन्हा ने कहा कि जनजातीय लोगों के कल्याण के लिए कई कदम उठाए गए हैं जिनमें प्रशिक्षण उपकरण, खरीदार या विक्रेता बैठकें शामिल हैं और खरीदार-विक्रेता आयोजित करने का भी प्रस्ताव है. आदिवासी युवाओं को प्रतिष्ठित परीक्षाओं के लिए प्रशिक्षित करने और उनके लिए मुफ्त कोचिंग सुनिश्चित करने के प्रयास जारी हैं.
उन्होंने ये भी कहा कि जनजातीय समुदाय के पूर्वजों ने बहुत कष्ट सहकर भी जम्मू-कश्मीर के लिए बहुत बड़ा बलिदान दिया है. उप राज्यपाल ने घोषणा की कि जनजातीय मामलों के संस्थान (टीएआई) को और उन्नत किया जाएगा और युवाओं को जंगलों में जड़ी-बूटियां निकालने के लिए भी प्रशिक्षित किया जाएगा.
आदिवासी समुदाय के लिए प्रशासन के अन्य विभाग भी करेंगे काम
उप राज्यपाल सिन्हा ने आदिवासियों समुदाय की सुविधाओं को केंद्र में रखकर आगे कहा, “5 अगस्त, 2019 आदिवासी समुदाय के लिए एक ऐतिहासिक दिन था क्योंकि इस दिन उनके लिए असमानता समाप्त हो गई." एलजी ने कहा कि न केवल जनजातीय मामलों का विभाग बल्कि प्रशासन के अन्य विभाग आदिवासियों के कल्याण के लिए घनिष्ठ तालमेल के साथ काम करेंगे.
मिलेंगी निशुल्क सेवाएं
उन्होंने यह भी कहा कि एक नए वेब पोर्टल में जम्मू-कश्मीर के सभी 4 लाख आदिवासियों का डेटा बेस होगा, जो उन्हें किसी भी समय ट्रैक करने में मदद करेगा. आदिवासियों को उनके प्रवास के दौरान मुफ्त परिवहन उपलब्ध कराया जाएगा ताकि वे एक महीने के बजाय दो दिनों के भीतर अपने गंतव्य तक पहुंच सकें. उन्हें निःशुल्क एम्बुलेंस सेवाएं भी उपलब्ध कराई जायेंगी. आदिवासियों की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं भी स्थापित की जाएंगी.
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