Jammu-Kashmir: जम्मू कश्मीर में LG के पास अब कौन-कौन सी शक्तियां? 5 पॉइंट में समझें
Jammu Kashmir News: जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल की शक्तियां बढ़ाने के फैसले की आलोचना की है. उसने सरकार के इस कदम की तुलना लोकतंत्र की हत्या से कर दी है.
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J&K LG Power: केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल की शक्तियां काफी हद तक बढ़ा दी हैं. इसे लेकर विपक्षी दलों की तरफ से सरकार की आलोचना भी की जा रही है. गृह मंत्रालय ने जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 55 के तहत संशोधित नियमों को अधिसूचित किया है. अब उपराज्यपाल को पुलिस और अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों से संबंधित निर्णय लेने तथा विभिन्न मामलों में अभियोजन की मंजूरी देने की ताकत प्रदान की है.
विपक्ष ने केंद्र सरकार के इस कदम की आलोचना करते हुए इसे जम्मू-कश्मीर के लोगों को ‘अशक्त’ बनाने की दिशा में उठाया गया कदम करार दिया. जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा वापस लेकर उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित किये जाने के बाद लागू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के तहत जारी नियमों में संशोधन कर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को उपराज्यपाल को ये शक्तियां दीं.
उपराज्यपाल के अब कौन-कौन सी शक्तियां हैं?
- पुलिस, लोक व्यवस्था, अखिल भारतीय सेवा और भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो के संबंध में वित्त विभाग की पूर्व सहमति की आवश्यकता वाले किसी भी प्रस्ताव को तब तक स्वीकार या अस्वीकार नहीं किया जाएगा, जब तक कि इसे मुख्य सचिव के माध्यम से उपराज्यपाल के समक्ष नहीं रखा जाता है.
- विधि, न्याय और संसदीय कार्य विभाग, न्यायालय की कार्यवाही में महाधिवक्ता की सहायता के लिए महाधिवक्ता और अन्य विधि अधिकारियों की नियुक्ति के प्रस्ताव को मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री के माध्यम से उपराज्यपाल के अनुमोदन के लिए प्रस्तुत करेगा. उनकी मंजूरी के बाद ही नियुक्ति होगी.
- अभियोजन मंजूरी प्रदान करने या अपील दायर करने के संबंध में कोई भी प्रस्ताव विधि, न्याय और संसदीय कार्य विभाग द्वारा मुख्य सचिव के माध्यम से उपराज्यपाल के समक्ष रखा जाएगा. यहां पर उपराज्यपाल की मंजूरी को जरूरी बना दिया गया है.
- यह प्रावधान भी किया गया है कि कारागार, अभियोजन निदेशालय और फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला से संबंधित मामले मुख्य सचिव के माध्यम से गृह विभाग के प्रशासनिक सचिव द्वारा उपराज्यपाल को प्रस्तुत किए जाएंगे.
- प्रशासनिक सचिवों का पदस्थापन और स्थानांतरण तथा अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों के पदों से संबंधित मामलों के संबंध में प्रस्ताव मुख्य सचिव के माध्यम से सामान्य प्रशासन विभाग के प्रशासनिक सचिव द्वारा उपराज्यपाल को प्रस्तुत किए जाएंगे.
विपक्ष ने की सरकार के फैसले की आलोचना
विभिन्न राजनीतिक दलों ने पुलिस और अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों से संबंधित मामलों में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल को अतिरिक्त शक्तियां प्रदान करने संबंधी केंद्र के कदम पर शनिवार को अपनी असहमति व्यक्त की. नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने इस फैसले को जम्मू-कश्मीर के लोगों को अशक्त बनाने वाला कदम बताया, जबकि कांग्रेस ने इस कदम की निंदा करते हुए इसे लोकतंत्र की हत्या बताया.
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