(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Jammu Kashmir: 6 सालों से सूनी पड़ी है जामा मस्जिद! जानिए क्यों प्रशासन ने ईद की नमाज पढ़ने पर लगाई रोक
Eid ul Adha: जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेता मीरवाइज उमर फारूक को नजरबंद कर दिया है. जिसको लेकर मीरवाइज ने मुसलमानों की धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करार दिया है.
Eid ul Adha 2024: जम्मू -कश्मीर में आज ईद-उल-अजहा का त्योहार धार्मिक उत्साह के साथ मनाया गया. शांति और समृद्धि के लिए नमाज अदा करने के लिए भारी संख्या में लोग मस्जिदों और ईदगाहों में एकत्र हुए. इस बीच श्रीनगर की ऐतिहासिक जामा मस्जिद में इस साल भी ईद की नमाज़ पढ़ने नहीं दी गई.
दरअसल, श्रीनगर में स्थित जामा मस्जिद का प्रबंधन करने वाले अंजुमन औकाफ ने कहा कि प्रशासनिक निर्देशों के कारण निर्धारित समय पर नमाज पढ़ने के उनके प्रयास विफल हो गए. अंजुमन औकाफ ने बताया कि स्थानीय अधिकारियों ने श्रीनगर में स्थित ऐतिहासिक जामा मस्जिद में सोमवार को लगातार छठे साल ईद की नमाज़ पढ़ने की अनुमति देने से इनकार कर दिया.
पुलिस ने नहीं दी ईद की नमाज मस्जिद में अदा करने की इजाजत
इस दौरान श्रीनगर की जामा मस्जिद के प्रबंधक अंजुमन औकाफ का कहना है कि आज फज्र की नमाज के बाद पुलिस कर्मियों ने श्रीनगर स्थित जामा मस्जिद के द्वार बंद कर दिए और औकाफ को सूचित किया कि सुबह नौ बजे होने वाली ईद की नमाज मस्जिद में अदा करने की इजाजत नहीं दी जाएगी. उन्होंने दावा किया कि ईद का उपदेश देने वाले मीरवाइज उमर फारूक को नजरबंद कर दिया गया है.
2019 से जामा मस्जिद और ईदगाह में नमाज़ पर लगी है रोक
बता दें कि, स्थानीय प्रशासन और जम्मू कश्मीर पुलिस ने साल 2019 में कश्मीर से ऑर्टिकल 370 हटने के बाद से ही श्रीनगर की जामा मस्जिद और ईदगाह में ईद की नमाज़ पढ़ने पर रोक लगा रखी है. इसको लेकर हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेता मीरवाइज उमर फारूक ने जामा मस्जिद में नमाज अदा करने की अनुमति नहीं मिलने को मुसलमानों की धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करार दिया है.
अन्य मस्जिदों में बिना किसी बाधा के मनाई गया ईद-उल-अजहा
हालांकि, जम्मू- कश्मीर की दूसरी अन्य स्थानीय मस्जिदों में बिना किसी रुकावट के ईद-उल-अजहा का त्योहार उल्लास के साथ मनाया गया. जहां पर उपदेशों और 'अल्लाहु अकबर' के गूंजते नारों के बीच नमाजियों ने कश्मीर घाटी की शांति, सुरक्षा के लिए प्रार्थना की. गौरतलब है कि ईद-उल-अजहा का त्योहार पैगम्बर इब्राहिम द्वारा अल्लाह के आदेश पर अपने बेटे इस्माइल की बलि देने की इच्छा के लिए मनाया जाता है. जहां पर मुस्लिम समाज के लोग इस पर्व को जानवरों की बलि देकर इस परंपरा का पालन करते हैं. ईद की नमाज के बाद कश्मीर भर में लोग जानवरों की कुर्बानी में हिस्सा लेने के लिए घर लौट आए.
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