श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में शहरी निकाय चुनाव के लिए पहले चरण के लिए जारी वोटिंग में 4 बजे तक 63.83फीसदी मतदान किया गया है. पहले चरण में जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के 422 वार्ड में वोड डाले जा रहे हैं. करीब सात साल के अंतराल के बाद हो रहे इस चुनाव के लिए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं. शांतिपूर्ण चुनाव के लिए स्थानीय पुलिस के अलावा केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 400 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की गई है.





प्रशासन ने अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक, यासीन मलिक और सैयद अली शाह गिलानी को नजरबंद कर दिया है. अलगाववादियों ने लोगों से चुनाव प्रक्रिया में भागीदारी नहीं करने की अपील की है और पूरे घाटी में बंद की भी घोषणा की है. एहतियातन दक्षिण कश्मीर में मोबाइल इंटरनेट सेवा रोक दी गई है. वहीं घाटी के अन्य इलाकों में इंटरनेट स्पीड कम कर दी गई है.


जम्मू-कश्मीर में कुल 79 म्युनिसिपल काउंसिल, कमेटी और कॉरपोरेशन हैं. पहले चरण में जम्मू के 247 वार्ड, कश्मीर के 149 और लद्दाख के 26 वार्ड में चुनाव हो रहे हैं. इन वार्डस में कुल 1283 प्रत्याशी मैदान में है.





आज श्रीनगर शहर के तीन नगर पालिका वार्ड के साथ कश्मीर घाटी के कुपवाड़ा, हंदवाड़ा, बांदीपोरा, बारामूला, चाडूरा, बड़गाम, खानसाहिब, अचबल, देवसर, कोकरनाग, काजीगुंड और कुलगाम नगरपालिका समितियों और लद्दाख के लेह और कारगिल क्षेत्र में वोटिंग हो रही है. वहीं जम्मू क्षेत्र के बिश्नाह, अरनिया, आर.एस. पुरा, अखनूर, खौर, जुरियन, राजौरी, थानामांडी, नौशेरा, कालाकोटा, सुंदरबनी, पुंछ और सुरनकोट की नगरपालिका समितियों के लिए वोट डाले जा रहे हैं.


उम्मीदवारों के निर्विरोध चुने जाने और किसी भी उम्मीदवार के नहीं होने की वजह से शोपियां, पुलवामा और कुलगाम जिले में मतदान नहीं हो रहा है.


निर्विरोध जीते 78
चुनावों में बहुत बड़ी संख्या में उम्मीदवार बिना चुनाव के निर्विरोध चुने जा चुके है. पहले चरण के लिए 78 उम्मीदवार निर्वोरोध चुने गए है. जिनमें से 69 कश्मीर घाटी और 9 जम्मू से हैं. सब से ज्यादा 60 निर्विरोध चुने गए उम्मीदवार बीजेपी से हैं. इसी के साथ 7 म्युनिसिपेलिटी पर बीजेपी का कब्ज़ा हो गया है. फारुख अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कांफ्रेंस और महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी, कांग्रेस और बीजेपी पर "बैकडोर" डील का आरोप लगा रही है.


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लेकिन चुनावों में सबसे ज्यादा चिंता की बात है कि कश्मीर घाटी में लगभग 68 प्रतिशत सीटों पर चुनाव नहीं होगा. इन सीटों पर या तो केवल एक उम्मीदवार मैदान में है या फिर किसी भी उम्मीदवार ने पर्चा नहीं भरा.


बड़े दलों ने किया है चुनाव का बहिष्कार
दरअसल, नेशनल कांफ्रेंस (एनसी), पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), हाकिम यासीन के नेतृत्व वाले पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीएफ) और गुलाम हसन मीर की अध्यक्षता वाली डेमोक्रेटिक पार्टी नेशनलिस्ट (डीपीएन) समेत मुख्य राजनीतिक दलों ने चुनावों का बहिष्कार किया है.


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इन दलों ने का कहना है कि जब तक केंद्र सरकार अनुच्छेद 35ए पर अपना रुख स्पष्ट नहीं करेगी वह चुनाव में भाग नहीं लेगी. जम्मू-कश्मीर को विशेष पहचान देने वाले अनुच्छेद 35ए के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. स्थानीय दलों का कहना है कि राज्य में यह लागू रहना चाहिए.


जम्मू-कश्मीर में चार चरणों में स्थानीय चुनाव हो रहे हैं. दूसरे, तीसरे और चौथे चरण में वोटिंग क्रमश: 10,13 और 16 अक्टूबर को होगी. इन चुनावों के वोटों की गिनती 20 अक्टूबर को होगी. जम्मू-कश्मीर में अंतिम पंचायत चुनाव 2011 में हुआ था.