श्रीनगर को कभी एशिया के वेनिस के रूप में जाना जाता था. जहां कई जलमार्गों पर नावें लोगों और सामानों दोनों को ले जाती थीं. लेकिन मोटर परिवहन के आगमन व नई और बेहतर सड़कों के निर्माण के साथ जल परिवहन प्रणाली की मृत्यु हो गई. लेकिन अब जम्मू-कश्मीर सरकार ने कश्मीर घाटी में जल परिवहन को पुनर्जीवित करने के लिए एक महत्वाकांक्षी परियोजना शुरू की है. झेलम नदी में ट्रायल बेसिस पर बस बोट लॉन्च करने के लिए एक निजी कंपनी ने पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है. 


सुखनाग इंटरप्राइजेज कंपनी के निदेशक इमरान मलिक ने कहा कि न्यूजीलैंड से खरीदी गई बस बोट को आज झेलम नदी में उतारा गया, जो पूरी तरह से वातानुकूलित और सुविधाओं से भरपूर हैं. नाव शहर के बाहरी इलाके में लासजन क्षेत्र से पुराने शहर के छत्ताबल तक यात्रियों को ले जाएगी और झेलम के सभी नौ पुलों को पार करेगी. इस बस बोट में छत शीशे की है और डोम आकार की है, जिससे इसमें सवार लोग आसानी से बाहर देख सकते हैं.  


उन्होंने कहा कि “हम जल परिवहन को पुनर्जीवित करने का लक्ष्य बना रहे हैं. परीक्षण के आधार पर, बस नाव लासजन से छताबल तक चलेगी.” इमरान मलिक ने कहा कि अगर लोग नावों का इस्तेमाल करना शुरू कर दें तो जल्द ही ऐसी और नावें मंगवाई जाएंगी. 


जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हाल ही में डल झील में वाटर सफारी बोट शुरू करने की घोषणा की थी और यह वाटर बस परियोजना पर्यटन को पुनर्जीवित करने के प्रयासों का हिस्सा है, और अगर यह परियोजना सफल होती है तो श्रीनगर की सड़कों पर यातायात को कम करने और यात्रा के समय में 50 प्रतिशत से अधिक की कटौती करने में मदद मिलेगी. 


जम्मू-कश्मीर पर्यटन विभाग ने जल परिवहन को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से 2018 में झेलम नदी पर एक जल क्रूज भी शुरू किया है, लेकिन यह परियोजना जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक घटनाओं से प्रभावित हुई और तब से बंद हो गई है. और अब इस डोम बस बोट के ज़रिये पर्यटन विभाग भी इस सेवा को अपने टूरिज्म सर्किट से जोड़ने पर विचार कर रही है.  


कंपनी के अधिकारी अब्दुल हनान के अनुसार यह पहला ऐसा प्रयास है, जिसके लिए हमने भारत सरकार के निर्देशानुसार यह नाव देश के बाहर से मंगवाई है. “जेकेटीडीसी ने इस संबंध में निविदाएं जारी की थीं और हमने उसे खरीद लिया है. हमने इस नाव का आयात किया है, जिसमें 35 यात्रियों, ड्राइवरों और चार बचाव ऑपरेटरों की क्षमता है. हमने लासजन से लाल चौक तक ट्रायल रन किया है जो काफी सफल रहा और उम्मीद है कि जल्दी ही सेवाएं शुरू करने की अनुमति भी मिल जाएगी. लेकिन, जल परिवहन के पुनरुद्धार में सरकार से जीवित रहने के लिए भारी निवेश, प्रयास और प्रोत्साहन शामिल होंगे.