श्रीनगर: पूरे देश में ईद का जश्न है. लोग एक दूसरे को गले मिलकर मुबारकबाद दे रहे हैं. कश्मीर में भी अल-सुबह ईद की नमाज़ अदा की गई. लेकिन हर बार की तरह इस बार भी पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. सैनिक औरंगज़ेब और पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या के बाद पाकिस्तान ने फिर बड़ी हिमाकत की है.  नौशेरा में सीमा पार से हुई फायरिंग जवान सिपाही विकास गुरुंग शहीद हो गए है.


वहीं, श्रीनगर और अनंतनाग में नमाज़ के बाद सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी शुरू कर दी और आतंकी संगठन आईएस और पाकिस्तान के झंडे लहराए गए. इस दौरान झड़प में एक युवक की मौत हो गई. पुलिस सूत्रों ने कहा कि जंगलामांडी इलाके में हुई झड़प में घायल बाराकपोरा गांव के शेराज अहमद ने श्रीनगर के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया.


फायरिंग में बुरी तरह घायल हो गए थे विकास गुरुंग 


जवान सिपाही विकास गुरुंग पाकिस्तान की फायरिंग में बुरी तरह घायल हो गए थे, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी. वहीं, श्रीनगर में सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों में झड़प जारी है. श्रीनगर के अलावा अन्य इलाकों में भी प्रदर्शन हो रहे हैं.





अनंतनाग में शहर के जंगलात मंडी इलाके में झड़प होने की सूचना मिली है. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले और पैलेट बंदूकों का इस्तेमाल किया. अनंतनाग अस्पताल के चिकित्सकों के मुताबिक, तीन प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं. पुलिस ने कहा कि पुलवामा में शुक्रवार को सेना की गोलीबारी में नौ साल के बच्चे की मौत के विरोध में भीड़ ने प्रदर्शन किया. शोपियां में भी युवाओं ने पथराव किया.


कल ही एक की हुई थी मौत


कल ही पत्थरबाजी और उसके बाद सेना की कार्रवाई में एक युवक की मौत हो गई थी. स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि 55 राष्ट्रीय राइफल्स ने पुलवामा के नौपोरा में आतंकवादी संजू मीर के घर को नष्ट किए जाने के प्रयास का स्थानीय लोगों द्वारा विरोध करने पर गोली चलाई, जबकि पुलिस का कहना है कि इलाके में सेना के एक वाहन पर भीड़ द्वारा पथराव किए जाने पर गोलीबारी की गई.


विकास अहमद राथर (24) इस गोलीबारी में गंभीर रूप से घायल हो गया और उसे अस्पताल ले जाया गया, उसे श्रीनगर रेफर कर दिया गया. जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. एक लड़की सहित दो अन्य नागरिक भी इस घटना में घायल हो गए और उनका इलाज किया जा रहा है.


आपको बता दें कि पत्थरबाज सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने के लिए लगातार पत्थरबाजी करते रहे हैं. कई मौकों पर आतंकियों को बचाने के लिए भी स्थानीय लोगों ने पत्थरबाजी की है. हालांकि सरकार का रवैया नरम देखा गया है. केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले दिनों कहा था कि बच्चे गलतियां कर सकते हैं, इसीलिए सरकार ने उन युवाओं के खिलाफ मुकदमे वापस लेने का फैसला किया है जिन्हें सुरक्षा कर्मियों पर पत्थर फेंकने के लिए गुमराह किया गया था.



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