श्रीनगर: पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने एक बार फिर भारत-पाक्सितान के बीच बातचीत की वकालत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पाकिस्तान जाकर कश्मीर समस्या के समाधान के लिए बात करने को कहा है. महबूबा ने दोनों देशों को हथियार छोड़कर बातचीत के टेबल पर आने और कश्मीर में शांति बहाली के प्रयास करने की अपील की. इसके साथ ही कश्मीर के हालात को 'विस्फोटक' बताते हुए चेतवानी दी कि अगर जल्द कुछ नहीं किया गया तो हालात हाथ से निकल जाएंगे.


श्रीनगर में आज पीडीपी के मुख्यालय में पार्टी की विशेष मेंबरशिप ड्राइव की शुरुआत करते हुए महबूबा मुफ़्ती ने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा और कश्मीर को 370 और विशेष राज्य का दर्जा वापस देने की भी मांग दोहराई.


महबूबा मुफ़्ती ने कहा, "अपना हक़ मांगने के लिए मुझपर देशद्रोही होने का आरोप लगाया जाता है. लेकिन मैं अपने देश से वो मांग रही हूं जो हम से छीना गया है." 


बीजेपी पर निशाना साधते हुए महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि बीजपी को 370 वापस मांगने पर गुस्सा क्यों आता है. क्या हम फिर पाकिस्तान से मांगे? हम (जम्मू-कश्मीर) ने भारत के साथ विलय किया पाकिस्तान से नहीं.


महबूबा ने कटाक्ष करते हुए कहा कि भले ही बीजेपी के पास आंकड़ें हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि बहुमत से विरोध को कुचला जाए. चीन ने जम्मू-कश्मीर को यह विशेष दर्जा नहीं दिया और हम इस पर चुप नहीं बैठ सकते. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में तूफ़ान पनप रहा है. 


जम्मू में मंदिर को ज़मीन दिए जाने के फैसले पर निशाना साधते हुए महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि सरकार को मंदिर के साथ-साथ कॉलेज, यूनिवर्सिटी और अस्पताल के लिए ज़मीन देनी चाहिए. सरकार अपने काम पर ध्यान दे. 


वहीं, महबूबा मुफ़्ती और उनकी मां को ईडी और NIA के नोटिस और पूछताछ पर भी महबूबा ने निशाना साधा और केंद्र सरकार पर आरोप लागया कि उनके परिवार को खामोश करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का गलत इस्तेमाल हो रहा है. 


उन्होंने कहा, "वह मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ कुछ ढूंढ रहे हैं, लेकिन जब कुछ मिला नहीं तो घर में बैठी मेरी मां को भी अब समन भेजा गया. उनको क्या पता? सरकार चाहे तो मेरी बेटी और भाई को भी समन देकर बुला ले, लेकिन वो मुझे खामोश नहीं कर सकते." 


कश्मीर में बड़ी संख्या में आतंक विरोधी ऑपरेशन में कम उम्र के युवाओ के मारे जाने पर महबूबा मुफ़्ती ने केंद्र पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, "असम में बोडो मिलिटेंट को भाई बोलते हैं और यहां हमारे बच्चों को मार रहे हैं."


महबूबा मुफ्ती ने कहा, "केंद्र सरकार चाहती है कि यहां के बच्चे हथियार उठा लें और वह उनको मार दे, लेकिन मैं बच्चो को बोल रही हूं, उनको यह मौका न दें और अपना विरोध शांतिपूर्ण तरीको से करें."


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