श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में सुरक्षाबलों के ऑपरेशन के दौरान पत्थरबाजी कर रहे तीन नागरिकों की झड़प में मौत हो गई. जिसके बाद आज तीनों का सुपुर्द-ए-खाक किया गया. लेकिन चौंकाने वाली बात है कि इस दौरान आतंकी भी बंदूक लहराते नजर आए. हालांकि यह साफ नहीं है कि आतंकी किस संगठन से जुड़े हैं और उसका क्या नाम है. अंतिम विदाई के समय सैकड़ों की भीड़ जुटी थी. सुरक्षाबलों की गोलीबारी के शिकार बने नागरिकों और आतंकियों की अंतिम विदाई में आतंकी पहले भी शामिल होते रहे हैं. इसी वजह से केंद्र सरकार ने अब आतंकियों का शव परिजनों को नहीं सौंपने का फैसला किया है.


आज कुलगाम जिले के एक गांव में सुरक्षाबलों के सर्च ऑपरेशन के दौरान भीड़ ने पत्थरबाजी शुरू कर दी थी. जिसके बाद सुरक्षाबलों की कथित गोलीबारी में एक नाबालिग लड़की समेत तीन लोगों की मौत हो गई. कुलगाम में आतंकवादियों के एक समूह के छिपे होने की सूचना के बाद सुरक्षाबलों द्वारा क्षेत्र को चारों ओर से घेरने के दौरान हावुरा और इसके आसपास के गांवों के स्थानीय लोगों ने आतंकवाद रोधी अभियान को बाधित करने की कोशिश की.


सुरक्षबलों के साथ झड़प के दौरान तीन लोगों की गोली लगी. मृतकों की पहचान अंदलीब (16), शकीर अहमद (22) और इरशाद अहमद (20) के रूप में हुई है. वरिष्ठ पुलिस, सेना और अर्धसैनिक अधिकारी स्थिति का जायजा लेने के लिए मौके पर पहुंचे. इस घटना के बाद कुलगाम, शोपियां, अनंतनाग और पुलवामा में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी गई.


सरकार की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, सेना का गश्ती दल कुलगाम के हावुरा इलाके से गुजर रहा था इसी दौरान भीड़ ने पत्थरबाजी शुरू कर दी. सेना ने रोकने की कोशिश की इसी दौरान कार्रवाई में पांच लोग घायल हो गए. घायलों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया. जिसमें से तीन ने दम तोड़ दी. पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.


केंद्र सरकार बना रही है प्लान, बड़े आतंकियों को मारने के बाद परिजनों को नहीं सौंपे जाएंगे शव: सूत्र


बारिश और सुरक्षा कारणों की वजह से बालटाल के रास्ते अमरनाथ यात्रा फिलहाल बंद