नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों से केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को समझौता नहीं करेगी. गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने अलगाववादियों की शर्ते मानने से इनकार कर दिया है. पिछले दिनों हुर्रियत और अलगाववादियों ने सरकार से बातचीत की पेशकश की थी. सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने साफ तौर पर कहा कि अभी तक जो होता रहा है. अब वो नहीं होगा.


जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी- अमित शाह


बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह कल जम्मू कश्मीर के दौरे पर भी जाने वाले हैं. सूत्रों के मुताबिक, कश्मीर को लेकर हुई बैठक में अमित शाह ने कहा है, ‘'अभी तक जो होता रहा है अब वो नही होगा. संविधान और कानून के दायरे में ही बातचीत होगी.’’ उन्होंने कहा, ‘’देश से बडा कोई नहीं है. जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी.’’


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वहीं, अलगाववादियों से बातचीत के मुद्दे पर जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा है कि इस पर फैसला दिल्ली से होगा, लेकिन ये बात सबकोई समझ ले कि बंदूक से बात नहीं बनेगी. सत्यपाल मलिक ने कहा, ''हुर्रियत बातचीत के लिए तैयार है, अब उनसे बातचीत किया जाना चाहिए और पाकिस्तान के साथ भी बातचीत होनी चाहिए.''


दवाब में है हुर्रियत लीडरशिप


गृह मंत्री अमित शाह के इस स्पष्ट और कड़े रूख से हुर्रियत नेताओं में हडकंप है. हुर्रियत नेता अब बातचीत के लिए नए रास्तों की तलाश कर रहे हैं. कल अमित शाह के कश्मीर दौरे पर भी बातचीत की पेशकश हो सकती है. दरअसल, कई हुर्रियत और अलगाववादी नेता टेरर फंडिग के मामले में जेल में हैं. इस वजह से हुर्रियत लीडरशिप दवाब में है. जेल में बंद कई नेता हुर्रियत लीडरशिप पर अपना दवाब डाल रहे हैं.


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