Jammu-Kashmir: मुस्लिम पड़ोसियों ने की हिंदू के अंतिम संस्कार में मदद, पिछले साल आतंकियों का शिकार हुआ था परिवार
Jammu-Kashmir News: मृतक CISF जवान बलबीर सिंह का परिवार साउथ कश्मीर के कुलगाम के करकन में रहने वाला एकमात्र हिंदू परिवार है. वह छुट्टी पर अपने घर आए हुए थे.
Muslims help perform hindu last rites: जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान परस्त आतंकी हमेशा माहौल को बिगाड़ने का काम करते रहते हैं, लेकिन इसके बाद भी वह भारतीय परंपरा, भारतीय संस्कार और भारतीयों के आपसी भाईचारे को तोड़ने में नाकाम रहे हैं. ऐसा ही एक नजारा दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के करकन इलाके में देखने को मिला. यहां एक हिंदू के अंतिम संस्कार में मुस्लिम पड़ोसियों ने मदद की.
स्थानीय मुसलमानों ने उनकी अर्थी को भी कंधा दिया और दाह संस्कार के लिए लकड़ी की व्यवस्था भी की. स्थानीय निवासी अब्दुल जब्बार ने कहा, "वह हम में से एक थे. हमने उन्हें राजपूत हिंदू के रूप में कभी नहीं देखा. हमने दाह संस्कार के लिए आवश्यक सभी चीजों की व्यवस्था की."
करकन गांव का एकमात्र हिंदू परिवार
जानकारी के अनुसार, मृतक बलबीर सिंह (55) CISF के कर्मचारी थे. उनका परिवार साउथ कश्मीर के कुलगाम के करकन में रहने वाला एकमात्र हिंदू परिवार है. वह छुट्टी पर अपने घर आए हुए थे. गुरुवार (30 मार्च) को उनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. जब स्थानीय मुसलमानों को इस घटना की जानकारी लगी, तो उन्होंने अंतिम संस्कार में मदद की.
आतंकियों ने की थी भाई की हत्या
पिछले साल आतंकियों ने उनके भाई सतीश कुमार सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी. CISF की स्थानीय इकाई के कमांडेंट विक्रम सिंह के मुताबिक, मृतक बलबीर सिंह अमृतसर में तैनात थे. वह अपने भाई की पुण्यतिथि पर छुट्टी लेकर अपने घर आए थे और यहीं उनका निधन हो गया. बलबीर सिंह के अंतिम संस्कार पर अंतिम सलामी देने के लिए उनकी यूनिट भी वहां पहुंची थी.
13 अप्रैल 2022 को हुई थी हत्या
आतंकियों ने 13 अप्रैल 2022 को सतीश कुमार सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी. उनकी हत्या की जिम्मेदारी कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स नाम के एक आतंकी संगठन ने ली थी. आतंकियों ने इससे ठीक पहले घाटी में कुछ पोस्टर लगाए थे. जिसमें गैर कश्मीरी और गैर मुस्लिमों को घाटी छोड़ने की नसीहत दी गई थी.