Agneepath Scheme In Jammu Kshmir: भारतीय सेना ने अग्निपथ योजना से वंचित युवाओं के लिए एक अनोखी पहल की है. सेना ने पिछले वर्ष शुरू हुई अग्निपथ योजना के लिए स्थानीय भाषा में एक अभियान शुरू किया है. दरअसल कश्मीर में सेना में शामिल होने के इच्छुक युवाओं तक पहुंचने के लिए सेना अब उर्दू भाषा का इस्तेमाल कर रही है.
भारतीय सेना इस पहल के तहत अधिक से अधिक युवाओं को सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए प्रेरित करने की कोशिश कर रही है. श्रीनगर स्थित पीआरओ डिफेंस ने इस योजना बड़े पैमाने पर लोगों तक पहुंचाने के लिए पोस्टर, वीडियो और ट्वीट के साथ इस अभियान की शुरुआत की है.
सेना का आउटरीच प्रोग्राम
भर्ती प्रक्रिया से जुड़े सेना के अधिकारियों का कहना है कि इस योजना की मुख्य विशेषताओं को उजागर करने के लिए और इस आउटरीच कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए स्थानीय माध्यम का उपयोग करने की आवश्यकता है. अधिकारी ने कहा, "सेना भर्ती कार्यालय श्रीनगर ने भारतीय सेना में नई भर्ती प्रक्रिया, पंजीकरण की प्रक्रिया, ऑनलाइन सामान्य प्रवेश परीक्षा में कैसे शामिल हों, जैसे प्रमुख पहलुओं पर उर्दू में कई छोटे वीडियो भी तैयार किए हैं."
जम्मू और कश्मीर में बड़ी संख्या में लोग उर्दू भाषा पढ़ते, लिखते और बोलते हैं. सेना ने एक बार कोड का उपयोग करके जनता के लिए वीडियो और अन्य प्रशिक्षण सामग्री भी प्रसारित की है, जिसने उम्मीदवारों के व्यक्तिगत मोबाइल डिवाइस पर कश्मीर के किसी भी दूरस्थ क्षेत्र में अग्निपथ योजना की जानकारी को सुलभ बनाया है.
सेना में नई भर्ती से कोई भी वंचित न रहे
भारतीय सेना के अधिकारियों ने कहा, "यह ज्यादातर दूरदराज के इलाकों के लोगों के लिए फायदेमंद है और जो लोग उर्दू और तकनीक के इस्तेमाल से आगे आए हैं." विज्ञापनों में भी उर्दू का इस्तेमाल हो रहा है. इसका उद्देश्य लोगों को योजना के बारे में किसी भी जानकारी से वंचित नहीं रखना है.
सेना कई दूर-दराज के इलाकों में उन लोगों तक पहुंच रही है जहां कनेक्टिविटी अब भी एक मुद्दा है. सेना के एक अधिकारी ने कहा, "इसके तहत प्रयास है कि कश्मीर में कोई भी उम्मीदवार अग्निपथ योजना और भारतीय सेना में नई भर्ती प्रक्रिया के बारे में किसी भी जानकारी से वंचित न रहे." जम्मू और कश्मीर के दूरदराज के इलाकों से बड़ी संख्या में लोग भारत की सेना में शामिल होते हैं, उन तक पहुंचना सेना के लिए महत्वपूर्ण है.
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