Jammu-Kashmir News: बीते 11 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के पूंछ में भारतीय सेना पर हमला कर पांच सैन्यकर्मियों को शहीद करने वाले पाकिस्तानी आंतकवादी लश्कर कंमाडर अबू जरार को भारतीय सुरक्षाबलों ने आज यानी मंगलवार को मार गिराया. सुरक्षाबलों ने इसके कब्जे से हथियार, ग्रेनेड, भारतीय करेंसी आदि बरामद की है. इस आंतकवादी को पाकिस्तान खुफिया एजेंसी आईएसआई ने माइंडवॉश करने की विशेष ट्रेनिंग देकर भारत भेजा था और इसके निशाने पर कुछ वीआईपी सैन्य वाहन और सुरक्षाबलों की छावनियां थीं. इस साल भारतीय सुरक्षाबलों द्वारा मारा गया यह आठवां विदेशी आतंकवादी है.
पाकिस्तानी आंतकवादी अबू जरार को पूंछ और राजौरी क्षेत्र में फिर से आंतक का नया कंमाडर बनाया जा रहा था. उसे घाटी में फिर से नई भर्तियां कर आंतक को पूंछ और राजौरी में नया आयाम बनाने को कहा गया था. सुरक्षाबलों को सूचना मिली थी कि यह आतंकवादी अपने कुछ साथियों के साथ पीर पंजाल के आस-पास छुपा हुआ है. सूचना के आधार पर सुरक्षाबलों ने इसकी तलाश जारी की.
अबू जरार का साथी भागने में कामयाब
यह भी पता चला कि अबू जरार पूंछ में 11 अक्टूबर को सेना पर हुए हमले में भी शामिल था. इस हमले में सेना के एक जेसीओ समेत पांच कर्मी मारे गए थे. इस बीच कुछ स्थानीय लोगों ने सुरक्षाबलों को बेहरामगला क्षेत्र मे संदिग्धों की बाबत सूचना दी, जिसके आधार पर जम्मू कश्मीर पुलिस और भारतीय सेना ने अपना ऑपरेशन शुरू किया. इस दौरान अबू जरार और उसके साथियों ने सेना पर फायरिंग की और इस मुठभेड़ में अबू जरार मारा गया, जबकि उसका साथी भागने में कामयाब हो गया.
माइंड ब्रेनवॉश करने की दिलाई गई थी ट्रेनिंग
खुफिया एजेंसी के एक आला अधिकारी ने बताया कि अबू जरार को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने माइंड ब्रेनवॉश करने की विशेष ट्रेनिंग दिलाई थी और उसे पूंछ राजौरी में स्थानीय लोगों का ब्रेनवॉश कर उनसे सुरक्षाबलों उनकी छावनियों और कुछ वीआईपी लोगों को निशाना बनाने का काम सौंपा गया था.
जगंलों में छुप रहा था आंतकी अबू जरार
खुफिया एजेंसी के एक आला अधिकारी ने बताया कि अबू जरार के बारे में कुछ महीने पहले सूचना मिली थी, लेकिन वह लगातार जगंलों में छुपा रहा था. पूंछ में सेना पर हमले के बाद भी वह जंगल एरिया में ही था, लेकिन उसके पास मौजूद राशन आदि समाप्त हो गया, तो वह अपने संपर्कों के जरिए स्थानीय आबादी में भी आया. सुरक्षाबलों को जैसे ही इसकी सूचना मिली उन्होंने शिकंजा कसा, तो यह आंतकवादी फिर से पीर पंजाल की तरफ भाग गया. अब तक की जांच के दौरान यह भी पता चला है कि पिछले महीने मारा गया पाकिस्तानी गाइड हाजी आरिफ अबू जरार को सहयोग करने के लिए आतंकवादियों का दस्ता भारत ला रहा था, लेकिन तेज तर्रार सुरक्षाबलों ने उसे मार गिराया.
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