Jammu Kashmir News: केंद्र की बीजेपी सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और स्थायी निवास कानूनों को समाप्त करने के बाद दिल्ली और पंजाब के दो 'बाहरी' लोगों ने जम्मू जिले में जमीन खरीदी है. हालांकि, कश्मीर घाटी में अब तक किसी भी 'बाहरी' ने कोई जमीन या घर नहीं खरीदा है.


आधिकारिक दस्तावेजों के अनुसार, नई दिल्ली की नीलम गुप्ता और प्रशांत गुप्ता ने जम्मू के चन्नी-हिम्मत में एक कनाल जमीन खरीदी है, जबकि पंजाब निवासी बिंदु वर्मा और वीना सराफ ने जम्मू जिले के चन्नी बीजी में एक कनाल जमीन खरीदी है. उनके नाम इस साल जनवरी में जमीन का पंजीकरण कराया गया था.


दो बाहरी निवासियों को जमीन बेचने वाले मालिकों में जम्मू के रितेश भगोत्रा और कटरा के अमित खजूरिया शामिल हैं. दस्तावेजों के अनुसार, इन दोनों लोगों ने ही अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से जम्मू-कश्मीर में संपत्ति खरीदने के लिए आवेदन किया है.


हाल ही में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक लिखित जवाब में कहा था कि जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद दो बाहरी लोगों ने जमीन खरीदी है. 5 अगस्त, 2019 से पहले, जम्मू और कश्मीर विधानसभा को संवैधानिक रूप से पूर्ववर्ती राज्य के निवासी को परिभाषित करने का अधिकार था. ये परिभाषित निवासी अकेले नौकरी या अचल संपत्ति के लिए आवेदन करने के पात्र थे.


हालांकि, गृह मंत्रालय ने 2010 के एक कानून में संशोधन किया -जम्मू और कश्मीर सिविल सेवा (विकेंद्रीकरण और भर्ती अधिनियम) - पिछले साल 'स्थायी निवासियों' शब्द को 'जम्मू और कश्मीर के अधिवास' के साथ प्रतिस्थापित करके.



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