Srinagar Tulip Garden: जम्मू-कश्मीर को धरती का स्वर्ग कहा जाता है. कश्मीर अपनी तमाम खूबसूरत डेस्टिनेशन के लिए जाना जाता है, लेकिन इन दिनों एशिया का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन पर्यटकों को खूब लुभा रहा है. श्रीनगर में गार्डन को खुले हुए महज 10 दिन हुए हैं, लेकिन इतने दिनों में ही लाखों टूरिस्ट इसे देखने के लिए आ चुके हैं.


गार्डन को 20 मार्च को खोला गया था. डल झील और ज़बरवान पहाड़ियों के बीच स्थित ट्यूलिप गार्डन में इस साल 68 किस्मों के ट्यूलिप पौधों को लगाया गया है. गार्डन के प्रभारी डॉ. इनाम-उल-नबी ने मुताबिक, गार्डन खुलने के पहले दिन से ही बड़ी संख्या में लोगों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था. अब तक 1 लाख 35 हजार पर्यटकों ने  खिले हुए फूलों को देखा है. 


अप्रैल के आखिर में खिल जाएंगे सब ट्यूलिप 


डॉ. इनाम ने कहा, ''यहां आने वाले पर्यटक उद्यान को देखकर काफी खुश हो रहे हैं, जो हमारे लिए सब से अधिक खुशी की बात है." बाग में काम करने वाले एक कर्मचारी ने कहा, "अगर मौसम ऐसा ही सुहाना बना रहा तो अप्रैल के अंत तक आने वाले सभी पर्यटकों को यहां ट्यूलिप खिले हुए मिलेंगे. अगले एक हफ्ते तक पूरे 15 लाख ट्यूलिप एक साथ खिलते हुए दिख जाएंगे."


लगभग 500 बागवानों की है मेहनत


गार्डन तैयार करने में लगभग 6 महीने का समय लगता है और गार्डन के खुलने से पहले ही बड़ी योजना बना ली जाती है. लगभग 500 बागवानों और कर्मचारियों ने दिन-रात मेहनत करके जनता के लिए इस उद्यान को तैयार किया है. ट्यूलिप गार्डन में पहले सात दिनों में रिकॉर्ड 1 लाख पर्यटक आए हैं. उद्घाटन के तीसरे दिन ही 35 हजार से अधिक टूरिस्ट आए थे. उद्यान में पिछले वर्ष रिकॉर्ड संख्या में 3.6 लाख टूरिस्ट पहुंचे थे. सरकार को उम्मीद है कि इस वर्ष पिछले सभी रिकॉर्ड टूट जाएंगे.


गार्डन देखकर खुश दिखे पर्यटक


इस साल सरकार ने 1 अप्रैल की जगह 20 मार्च को गार्डन खोल दिया. पर्यटक बड़ी संख्या में यहां आ रहे हैं. यहां वो खूबसूरत नजारों का आनंद ले रहे हैं. हरियाणा से आए पर्यटक संदीप और राजा चौधरी ने कहा, ''हमने अपनी यात्रा की योजना ट्यूलिप के खिलने के साथ बनाई थी. यह एक शानदार अनुभव है और मैंने अपने जीवन में ट्यूलिप के इतने खूबसूरत और इतने रंग कभी नहीं देखे. अब तक हमने उन्हें केवल टीवी पर देखा था और अब आखिरकार उन्हें लाइव देखा."


ये भी पढ़ें-Jammu-Kashmir: LoC के पास पर्यटन को बढ़ावा दे रही है भारतीय सेना, अब इस पोस्ट तक जा सकते हैं टूरिस्ट