Jammu-Kashmir: '1949 में नेहरू, 2023 में LG', महबूबा मुफ्ती ने शेयर की कश्मीर की दो तस्वीरें, 75 साल के फर्क पर कसा तंज
Jammu Kashmir: रविवार को जम्मू-कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा ने श्रीनगर में हर घर तिरंगा यात्रा को हरी झंडी दिखाई. सिन्हा ने इस यात्रा का नेतृत्व भी किया.

Jammu And Kashmir: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने स्वतंत्रता दिवस से पहले दो तस्वीरें शेयर कर कश्मीर के हालात पर तंज कसा है. महबूबा मुफ्ती ने अपने ट्विटर अकाउंट पर जो दो तस्वीरें शेयर की, उनमें एक देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की है, जबकि दूसरी तस्वीर रविवार (13 अगस्त) की मनोज सिन्हा की है.
रविवार को जम्मू-कश्मीर (यूटी) के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर से बॉटैनिकल गार्डेन तक हर घर तिरंगा यात्रा को हरी झंडी दिखाई. इस दौरान एलजी मनोज सिन्हा ने हाथ में तिरंगा लेकर रैली का नेतृत्व किया, जबकि उनके साथ दूसरे लोग लोग भारत माता की जय लगाते हुए चल रहे थे.
पीटीआई के अनुसार, सिन्हा ने इस कार्यक्रम में कहा कि "वे, जो कहते थे कि जम्मू-कश्मीर में तिरंगा उठाने वाला कोई नहीं बचेगा, उन्हें समझ आ गया होगा कि जम्मू-कश्मीर का हर युवा राष्ट्रीय ध्वज को उतना ही प्यार करता है जितना देश के किसी अन्य हिस्से के लोग करते हैं."
75 साल की दो तस्वीरों की तुलना
पीडीपी चीफ ने इसी कार्यक्रम की तस्वीर से पंडित नेहरू की तस्वीर की तुलना की है. मुफ्ती ने लिखा, प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू 1949 के आसपास श्रीनगर के लाल चौक पर उत्साही कश्मीरियों के बीच तिरंगे के साथ खड़े थे. 2023 में एलजी प्रशासन उसी राष्ट्रीय ध्वज को सुरक्षा कर्मियों से घिरा हुआ लेकर चल रहा है.
Prime Minister Jawahar Lal Nehru with the tiranga standing tall amongst a sea of enthusiastic Kashmiris at Lal chowk Srinagar circa 1949. LG administration carrying the same national flag surrounded by a posse of security personnel in 2023. pic.twitter.com/Of3ujqGbhx
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) August 13, 2023
कब की है प्रधानमंत्री नेहरू की तस्वीर?
महबूबा मुफ्ती ने पंडित नेहरू की जो तस्वीर शेयर की है, उस पर दी गई जानकारी के मुताबिक ये नवम्बर 1949 की है, जब प्रधानमंत्री नेहरू ने कश्मीर के लाल चौक पर अपना पहला महत्वपूर्ण संबोधन दिया था. अपने भाषण के दौरान देश के पहले प्रधानमंत्री ने कहा था, भारत कभी कश्मीर को झुकने नहीं देगा और भारतीय सेना तब तक लड़ाई लड़ेगी, जब तक कश्मीर से आखिरी आक्रमणकारी को निकाल नहीं दिया जाता.
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