Jammu Kashmir: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती राजनीतिक रूप से सक्रिय होती दिख रहीं है. इस दौरान उन्होंने एक कार्यक्रम में बातचीत के दौरान कई विवादित मुद्दों पर अपनी राय रखी. इस दौरान उन्होंने गुपकार एलायंस के वेंटिलेटर पर होने के सवाल पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, "एक बार जम्मू कश्मीर से 10 लाख सुरक्षाकर्मियों को बाहर निकालो, आप देखेंगे कि वेंटिलेटर पर कौन है".


इसके अलावा इल्तिजा कश्मीर मुद्दे के स्थायी समाधान के लिए पाकिस्तान और हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं के साथ बातचीत करने की वकालत करती हुई भी नजर आईं. इल्तिजा ने कश्मीर को आर्थिक केंद्र और मध्य एशिया और भारत के बीच एक प्रवेश द्वार बनाने के लिए जम्मू कश्मीर की सीमाओं को खोलने और स्व-शासन के कार्यान्वयन का भी सुझाव दिया.


हुर्रियत के साथ बातचीत करे सरकार
इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि सरकार को कश्मीर मुद्दे के स्थाई समाधान के लिए पाकिस्तान और हुर्रियत कांफ्रेंस के साथ बातचीत करनी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोग राजनीतिक रूप से बहुत जागरूक हैं. जम्मू कश्मीर मुद्दे को सभी हितधारकों को साथ लेकर हल करने की जरूरत है.


उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार चाहती है कि पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस हुर्रियत की जगह लें. उन्होंने साथ ही यह भी आरोप लगाया कि केंद्र जम्मू-कश्मीर को एक प्रयोगशाला में बदलना चाहता है क्योंकि वे ‘‘विपक्ष मुक्त भारत’’ चाहते हैं.


'रणनीतिक रूप से महत्वपूर्म राज्य है कश्मीर'
मुफ्ती ने कहा कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) मानव समर्थक है और लोगों की समस्याओं का समाधान चाहती है. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण (राज्य) है और मध्य एशिया से उसकी कई चीजें मिलती जुलती हैं. सरकार को अवसर का उपयोग करना चाहिए और आर्थिक एकीकरण के लिए सीमाओं को अप्रासंगिक बनाने के साथ ही स्व-शासन, व्यापार और लोगों की आवाजाही की सुविधा प्रदान करनी चाहिए.


कश्मीर में आयोजित की जाए एससीओ की बैठक
उज्बेकिस्तान के समरकंद में 15 और 16 सितंबर को होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के आगामी शिखर सम्मेलन का जिक्र करते हुए इल्तिजा ने कहा कि सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बैठक को कश्मीर में आयोजित कराना चाहिए था.


'फिर से लागू करेंगे 370'
इल्तिजा ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी सहित मुख्यधारा के पांच राजनीतिक दलों के गठबंधन- पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लयरेशन (पीएजीडी) अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए संघर्ष कर रहा है और यह महत्वपूर्ण है, क्योंकि लोगों ने इसके साथ अपनी उम्मीदें बांध रखी हैं.


सेना हटाइए पता चल जाएगा कि वेंटिलेटर पर कौन है ?
इल्तिजा ने इस दौरान कहा कि पीएजीडी को अधिक सक्रिय और सतर्क होना चाहिए और पार्टी के हितों को दरकिनार करके वास्तविक अर्थों में एकता पर काम करना चाहिए. हमारे विशेष दर्जे और पहचान पर हमला हो रहा है और हमें इसकी रक्षा करनी है.


मुफ्ती इससे सहमत नहीं थीं कि पीएजीडी ‘वेंटिलेटर’ पर है. उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर से 10 लाख सुरक्षाकर्मियों को बाहर निकालो, आपको देखेंगे कि वेंटिलेटर पर कौन है.’’


इल्तिजा ने दावा किया कि उनके परिवार को झुकाने के लिए दबाव की रणनीति का इस्तेमाल किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जब पीएजीडी की बैठक होती है, मेरी मां या 75 साल की मेरी नानी को समन भेजे जाते हैं. मेरी नानी को पिछले दो सालों से उनका पासपोर्ट नहीं दिया गया है.


क्या विकास में बाधक है आर्टिकल 370?
इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि बीजेपी आर्टिकल 370 को विकास में बाधक बता कर देश भर में प्रचार कर रही है जबकि ऐसा सही नहीं है.  इल्तिजा ने कहा कि 2017 में जम्मू कश्मीर का मानव सूचकांक 0.68 था, जो गुजरात से अधिक था और हम जीवन प्रत्याशा, महिला साक्षरता और स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में नंबर एक थे. आज हमारी बेरोजगारी दर 56 प्रतिशत है, भर्ती प्रक्रिया में घोटाला हुआ है और राज्य में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है.


'कश्मीर को कमजोर करने की कोशिश कर रही है सरकार'
इल्तिजा ने कहा कि लोगों की भलाई के लिए अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने का दावा निराधार है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि  उनका कोई अच्छा इरादा नहीं है, क्योंकि वे कश्मीर को एक सैन्य, एक कानून व्यवस्था और एक धार्मिक समस्या के रूप में देखते हैं.


चूंकि वे इस मुद्दे को धार्मिक चश्मे से देखते हैं, इसलिए वे जिस समाधान को लागू करने की कोशिश कर रहे हैं, वह है जनसांख्यिकी आधार को बदलना और लोगों को आर्थिक रूप से कमजोर करना.इल्तिजा ने दावा किया कि बीजेपी सरकार वास्तविकता को नजरअंदाज करते हुए लोगों को दबाने की कोशिश कर रही है. कश्मीर एक मानवीय और राजनीतिक मुद्दा है और इसके समाधान की जरूरत है. 


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