Terrorist Targets Civilians: कश्मीर घाटी में आतंकी लगातार गैर स्थानीय लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं. इस महीने ही आतंकियों ने अब तक 11 गैर-कश्मीरी लोगों को मार दिया है. इस वजह से घाटी में दहशत का माहौल है. लोग यहां से पलायन कर रहे हैं. हालांकि सुरक्षाबल आतंकियों को ढूंढकर उनका खात्मा कर रहे हैं. पुंछ के जंगलों में सेना का सर्च ऑपरेशन 9वें दिन भी जारी है. इस बीच घाटी में आतंकी साजिश को लेकर नया अलर्ट जारी किया गया है.


जम्मू कश्मीर में बिहार के लोगों में बढ़ी चिंता
जम्मू कश्मीर घाटी में आतंकियों हमलों के बाद सबसे ज्यादा चिंता बिहार के लोगों की बढ़ी है. पिछले एक पखवारे में जम्मू कश्मीर में बिहार के चार लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई. आतंकियों के इस कायरतापूर्ण घटना को लेकर बिहार के उन लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं, जिनके परिजन दो जून की रोटी की जुगाड़ में जम्मू कश्मीर गए हैं.


जम्मू कश्मीर में 5 अक्टूबर को भागलपुर के वीरेंद्र पासवान की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. शनिवार को बांका जिले के बाराहाट प्रखंड के रहने वाले अरविंद कुमार साह आतंकियों का निशाना बन गए. रविवार को बिहार के सीमांचल के अररिया जिले के रहने वाले राजा ऋषिदेव और योगेंद्र ऋषिदेव की आतंकियों ने हत्या कर दी. अररिया जिले के बौंसी थाना क्षेत्र के डाहटोला निवासी राजा ऋषिदेव की मौत की खबर सुनकर गांव में मातम पसर गया है. राजा रोजी रोजगार के लिए छह महीने पहले ही जम्मू कश्मीर गया था. उसके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. इस वजह से अब जम्मू-कश्मीर से लोग पलायन करने लगे हैं. 




निर्दोष नागरिकों की निर्मम हत्याओं ने पूरे कश्मीर को झकझोर कर रख दिया
कई लोगों की राय है कि गैर-स्थानीय मजदूरों और अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों पर हमला कर उन्हें कश्मीर से बाहर निकालने की एक कोशिश है. आतंकवादी इस बात से अवगत हैं कि सुरक्षा बलों पर हमला करने का मतलब है मारा जाना. वे खबरों में बने रहने और घाटी में बंदूक की वापसी का डर सुनिश्चित करने के लिए नागरिकों की हत्या कर रहे हैं. निर्दोष नागरिकों की निर्मम हत्याओं ने पूरे कश्मीर को झकझोर कर रख दिया है. गैर-स्थानीय लोगों के अलावा, मूल निवासी भी निरंतर भय और खतरे में जी रहे हैं.


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