Jammu-Kashmir: कश्मीर में सदियों पुरानी सांप्रदायिक एकता का एक और किस्सा देखने को मिला. दरअसल उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले की लोलाब घाटी में मुसलमानों ने मिलकर सोमवार को एक बुजुर्ग पंडित महिला का अंतिम संस्कार कर दिया. लोलाब के लालपोरा इलाके की कश्मीरी पंडित महिला रीता कुमारी (70) का सोमवार को लम्बे समय से चल रही बीमारी के बाद निधन हो गया.


महिला की मौत की खबर सुनने के तुरंत बाद, स्थानीय मुसलमान अंतिम संस्कार करने में परिवार की मदद करने के लिए उसके घर पहुंचने लगे. परिवार के साथ मिलकर स्थानीय मुसलमानों ने महिला का अंतिम संस्कार किया और उसकी मृत्यु पर शोक व्यक्त किया. एक स्थानीय निवासी गुलाम मोहम्मद ने कहा, "हमने उनके साथ सुख-दुख साझा किए हैं और हमें लगता है कि हमारे अपने परिवार के सदस्य का आज निधन हो गया है." उन्होंने कहा कि उन्होंने दाह संस्कार के लिए आवश्यक सभी चीजों की व्यवस्था की थी.

मुस्लिम परिवारों ने कश्मीरी पंडितों से घर लौटने की अपील की


1990 में आतंकियों ने कश्मीर से कश्मीरी पंडितों को पलायन करने पर  मजबूर कर दिया था, जिससे अधिकतर कश्मीरी पंडित देश के अलग-अलग हिस्सों में जाकर बस गए थे. लेकिन एक लम्बे अरसे के बाद कश्मीर ने 5 अगस्त 2019 के बाद विकास की लहर भी देखी है और माहौल को बदलता हुआ महसूस भी किया है. अब बदले हुए माहौल में आम कश्मीरी अमन चाहता है. इसी को लेकर लालपोरा के स्थानीय सरपंच ने भी बाहर रहने वाले पंडितों से घर लौटने और अपने पूर्व मुस्लिम पड़ोसियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर रहने की अपील की है. इस बीच, इलाके के कश्मीरी पंडितों ने समर्थन के लिए स्थानीय मुसलमानों का आभार व्यक्त किया.



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