Jammu Kashmir: क्रिकेट विश्व कप फाइनल में टीम इंडिया की हार पर जश्न मनाने और आपत्तिजनक नारे लगाने के आरोप में सात छात्रों को यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया गया था. पुलिस की ओर से आतंकवाद विरोधी कानून के आरोप हटाए जाने के बाद शनिवार (2 दिसंबर) को एक अदालत ने उन्हें जमानत दे दी.


कोर्ट ने सभी छात्रों को दी जमानत


छात्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील शफीक अहमद भट्ट ने बताया कि मध्य कश्मीर की शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी (एसकेयूएएसटी) के छात्रों को चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (सीजेएम) गांदरबल की अदालत ने जमानत दे दी. उन्होंने कहा कि सभी छात्रों को शनिवार देर शाम को रिहा कर दिया गया.


टीम इंडिया की हार पर आपत्तिजनक नारा लगाने का आरोप


उन्होंने कहा, "पुलिस ने सीजेएम अदालत में अपनी रिपोर्ट पेश की, जिसमें छात्रों पर लगाए गए यूएपीए के आरोप हटा दिए गए हैं. एक गैर-स्थानीय छात्र की शिकायत के बाद पुलिस ने सभी छात्रों को गिरफ्तार किया था. उसने आरोप लगाया था कि कॉलेज के छात्रों ने उसे परेशान किया और विश्व कप फाइनल में टीम इंडिया की हार के बाद आपत्तिजनक नारे लगाए.''


पुलिस ने सातों छात्रों पर यूएपीए की धारा 13 के तहत मामला दर्ज किया था, जो किसी भी गैरकानूनी गतिविधि को उकसाने या सलाह देने से संबंधित है. छात्रों पर आईपीसी की धारा 505 और 506 भी लगाई गईं, जो सार्वजनिक शरारत और आपराधिक धमकी से संबंधित हैं, जिसके तहत दोषी पाए जाने पर पांच साल तक जेल की सजा हो सकती है.



राजनीतिक दलों ने की कड़ी आलोचना


यूएपीए के तहत छात्रों पर मामला दर्ज करने की राजनीतिक दलों ने कड़ी आलोचना की थी और आरोप हटाने की मांग की थी. इस बीच पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने छात्रों पर से यूएपीए के आरोप हटाए जाने का स्वागत किया. उन्होंने एक्स पर कहा, ''यह जानकर खुशी हुई कि एसकेयूएएसटी के छात्रों के खिलाफ यूएपीए के आरोप हटा दिए गए हैं. आखिरकार अच्छी समझ की जीत हुई है."


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